Bihar Budget 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले के अंतिम बजट सत्र में सोमवार को विधानसभा में वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बजट पेश किया. इसमें 2025-26 के वित्तीय वर्ष में 3 लाख 17 हजार करोड़ खर्च करने की घोषणा की गई है और 52 मुख्य एजंडे पर फोकस दिया गया है.
सवाल उठ रहा है कि चुनाव के 8 महीने पहले बिहार सरकार का यह बजट एनडीए सरकार के लिए कितना कारगर साबित होगा और चुनाव जीतने के लिए इस 52 एजेंडों में सबसे बड़ा हथियार कौन होगा, जिसके सहारे नीतीश सरकार इस बार की चुनावी नैया पार कर सकती हैं. राजनीतिक एक्स्पर्ट की मानें तो इस बजट में कोई लोक लुभावन घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने वोटरों को बचाए रखने के लिए उसको साधने की पूरी कोशिश की है.
राजनीतिक एक्स्पर्ट और वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडे ने कहा कि इस बजट में 52 मुख्य एजेंडा तय किया गया है, लेकिन जो उम्मीद थी कि मुफ्त राशि देने की कोई घोषणा सरकार कर सकती है वह नहीं की गई है. जैसे कि तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो माई बहिन मान योजना चलाएंगे. 2500 महिलाओं को देंगे.
उन्होंने कहा कि अगर अभी इस तरह की घोषणा अगर सरकार करती तो उसे नुकसान उठाना पड़ता, लेकिन सरकार ने इस पूरे बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस किया है. इससे साफ दिख रहा है कि नीतीश कुमार का कोर वोटर जो कहा जाता है कि आधी आबादी नीतीश के पास है. वह उसे बचाए रखने की पूरी कवायद की गई है. उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा एजेंडा लाया गया है.
इसमें पटना में महिलाओं के लिए जिम ऑन व्हील्स, कामकाजी महिलाओं के छात्रावास की स्थापना. कन्या मंडप में गरीब लड़कियों की शादी का योजना, महिलाओं के लिए शहरी क्षेत्र में पिंक शौचालय का निर्माण कराने की योजना, महिला सिपाहियों को पदस्थापन थाने के आसपास आवासन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के जरिए किराए पर आवास लेकर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. ये सभी महिला सशक्तिकरण के लिए कारगर साबित होगी और महिला वोटर को प्रभावित करेगी.
उन्होंने कहा इसके अलावे महिलाओं को रोजगार देने पर भी बजट में फोकस किया गया है. इसमें महिलाओं के लिए पिंक बस चलाई जाएंगी. इसमें ड्राइवर और कंडक्टर सभी महिलाएं होंगी. सभी जिलों में महिला वाहन संचालन केंद्र की स्थापना. प्रशिक्षक भी महिला होंगी. राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी. इसमें प्रशिक्षक भी महिलाएं होंगी. महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन के लिए क्रय करने पर नकद अनुदान का प्रावधान किया जाएगा.
इन एजेंडों से महिला वोटरों को साध कर उसे बचाए रखने का प्रयास नीतीश कुमार ने किया है उन्होंने कहा कि अभी और भी विधानसभा के सत्र होंगे और कैबिनेट की कई बैठक भी होगी अभी तो घोषणा नहीं की गई हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि महिलाओं के लिए कुछ और बड़ी घोषणा और चुनाव के पहले की जा सकती है. जिस तरह से महिलाओं को फोकस किया गया है और अगर महिलाओं तक यह सुविधा पहुंचने लगी तो नीतीश कुमार का जो आधी आबादी का वोटर है, उसमें बिखराव नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि महिला के साथ-साथ यूथ वोटर को भी साधने की पूरी कोशिश इस बजट में की गई है. प्रत्येक प्रखंड में एक आउटडोर स्टेडियम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए एक हजार करोड़ खर्च करने की घोषणा. छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दर को दोगुना किया जाएगा. इस पर राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त लगभग 260 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय अनुमानित है.
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना अंतर्गत छात्रावास अनुदान की वर्तमान दर 1,000 रुपये प्रतिमाह को दोगुना कर 2,000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा. उन्होंने कहा की जो घोषणा की गई है तो उसे निश्चित तौर पर अप्रैल के बाद से लागू करने की कोशिश की जाएगी ताकि धरातल पर वह दिखने लगे और चुनाव के पहले उसका लाभ मिले जिससे यूथ वोटर भी प्रभावित होंगे.
अरुण पांडे कहा कि किसानों के लिए भी इस बजट में विशेष सुविधा देते हुए मुख्य एजेंडे में रखा गया है. इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग, अरहर व उड़द दाल खरीदे जाएंगे. सुधा के तर्ज पर तरकारी (सब्जी) आउटलेट खुलेंगे. इससे निश्चित है किसानों को फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि इस पूरे बजट को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि ये चुनावी बजट है, लेकिन जिस तरह से अन्य राज्यों में चुनाव के पहले लोक लूभावन घोषणाएं होती हैं, उस तरह की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इस बजट से वोटरों को साधने की कोशिश जरूर की गई है.
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