बीना /सोनभद्र। पत्रकारों की हत्या एक गंभीर मुद्दा है जो प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा हमला करता है। जब पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के कारण निशाना बनाया जाता है, तो इससे न केवल उनके परिवार और सहयोगियों में गुस्सा और डर पैदा होता है, बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत में आक्रोश फैलता है। पत्रकार समाज का आईना होते हैं और जनहित के मुद्दों को सामने लाने का काम करते हैं। जब उन पर हमले होते हैं, तो यह सत्ता और आपराधिक तत्वों की असहिष्णुता को दर्शाता है। कई बार इन हत्याओं के पीछे संगठित अपराध, राजनीतिक प्रभाव, भ्रष्टाचार उजागर करने की कोशिशें, या संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्टिंग करना मुख्य कारण होते हैं।
पत्रकार संगठनों और मीडिया संस्थानों द्वारा अक्सर इन हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं और निष्पक्ष जांच की मांग की जाती है। हालाँकि, कई मामलों में न्याय मिलने में देरी होती है या अपराधियों को सजा नहीं मिलती, जिससे प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा बढ़ता है।अतः पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिए, दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए और प्रेस की आजादी को अक्षुण बनाए रखने के लिए ठोस नीतियाँ लागू करनी चाहिए-ऐसा कहना है उर्जान्चल प्रेस क्लब के अध्यक्ष आर पी सिंह का। आज उपजिलाधिकारी/तहसीलदार दुद्धी ज्ञानेंद्र कुमार यादव को उर्जान्चल प्रेस क्लब के अध्यक्ष आर पी सिंह एवं स्वतंत्र पत्रकार समिति दुद्धी के पत्रकारों ने दैनिक जगरण सीतापुर महोली के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर की गई हत्या के विरोध में पत्रक सौपा।पत्रक सौपने के साथ मृतक पत्रकार के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता और पत्नी को सरकारी नौकरी व बच्चों को मुफ्त शिक्षा की मांग मजिस्ट्रेट महोदय के माध्यम से सरकार तक पहुचायी गयी।