भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता तमिलिसाई सुंदरराज ने रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत नहीं किया। सुदंरराज ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी मछुआरों के मुद्दों को सुलझाने और यह सुनिश्चित करने के बाद श्रीलंका से लौटे की ऐसी समस्याएं भविष्य में न हों। मुख्यमंत्री को उनका स्वागत करना चाहिए था, लेकिन इसके बजााय वह आराम करने ऊटी चले गए। क्या यह जरूरी था?
सुंदरराज ने आगे कहा, जब प्रधानमंत्री तमिलनाडु आते हैं, तो क्या मुख्यमंत्री को छुट्टी मनाने के लिए ऊटी जाना चाहिए था? मुख्यमंत्री ने जानबूझकर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के बजाय ऊटी में आराम करना चुना। प्रधानमंत्री ने तमिल संस्कृति को स्वीकार किया है और उसे बढ़ावा दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि तमिलनाडु के राजनेताओं को अपनी भाषा में हस्ताक्षर करने और तमिल नामों का उपयोग करने की आदत डालनी चाहिए। भाषा पर राजनीति से अब जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री रोते रहें, वह 2026 में भी रोते रहेंगे।
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उन्होंने आगे कहा, मुख्यमंत्री ने अपने ऊटी दौरे के दौरान तमिलनाडु के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। लेकिन इसी समय प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के लिए 8,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का एलान किया।
भाजपा नेता ने कहा, जब पीएण मोदी तेलंगाना के लिए अच्छी योजनाएं लेकर आए थे, तबके मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उनका बहिष्कार किया था। इसके बाद जनता ने तेलंगाना के चुनावों में उन्हें नकार दिया। ठीक उसी तरह अगर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को नजरअंदाज करते रहे, तो तमिलनाडु के लोग भी उन्हें जरूर नकारेंगे। प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि वह तमिल लोगों के साथ हर तरीके से खड़े रहेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत नहीं किया। यह दिखाता है कि उन्हें इस मुद्दे की कोई चिंता नहीं है।
वहीं, पंबन रेलवे ब्रिज के उद्घान पर तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा, यह लिफ्ट ब्रिज इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ट्रेन के पूरी तरह से पार कर जाने के बाद ही ब्रिज का हिस्सा ऊपर उठता है। जब तक ट्रेन पूरी तरह से ब्रिज को पार नहीं कर लेती, तब तक ब्रिज ऑपरेट नहीं हो सकता। यह प्रणाली इसी तरह से बनाई गई है।
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