सोनभद्र/एबीएन न्यूज। जल संसाधन प्रबंधन और संरचनात्मक विकास कार्यों को प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वित करने हेतु जिलाधिकारी श्री बी.एन. सिंह की अध्यक्षता में जिला तकनीकी समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जनपद स्तरीय नामित समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में लघु सिंचाई खंड, सोनभद्र के अधिशासी अभियंता द्वारा वित्तीय वर्ष 2025–26 में प्रस्तावित चेकडैम, तालाब, रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसे जल संरक्षण कार्यों का अनुमोदन हेतु प्रस्तुतीकरण किया गया। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी को निर्देशित किया गया कि वर्ष 2024-25 में कराए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रूफटॉप सिस्टम तथा कूप निर्माण/मरम्मत कार्यों का भौतिक सत्यापन जनपद स्तरीय अधिकारियों की समिति गठित कर कराया जाए। प्रत्येक कार्य का PPT प्रस्तुतीकरण संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किया जाए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की प्रभावी जाँच समिति के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। गुणवत्ता सत्यापन के उपरांत ही नए कार्यों की मंजूरी दी जाएगी। जिन सरकारी कार्यालयों या परिसरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं, उनसे संबंधित रिपोर्ट प्राप्त की जाए, और उसके आधार पर ही आगामी कार्ययोजना पर निर्णय लिया जाए।
बैठक में जिला विकास अधिकारी श्री हेमंत कुमार सिंह, डीसी मनरेगा श्री रविंद्र वीर सिंह, अधिशासी अभियंता, लघु सिंचाई श्री पी.के. सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी श्री विनय कुमार सिंह, सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जल संरक्षण से जुड़े कार्यों में सतत निगरानी, पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही, जनपद में चिह्नित स्थलों पर प्रस्तावित कार्यों का पूर्व भौतिक निरीक्षण कर ही आगामी कार्यों की अनुमति दी जाए।
यह बैठक जल प्रबंधन के क्षेत्र में पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण कार्य प्रणाली की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है, जिससे न केवल जल संकट की समस्या का समाधान होगा, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।