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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Sat, 05 Jul 2025 09:14 AM IST
मृत गोपाल खेमका के परिजनों ने कहा कि बिहार पुलिस की कार्यशैली यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि आज हम कितने सुरक्षित हैं। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस को सूचना देने के बावजूद लगभग डेढ़ से दो घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची।
सिटी एसपी मध्य दीक्षा से बातचीत करते सांसद पप्पू यादव। – फोटो : सोशल मीडिया।
विस्तार
14 जून को ही पटना पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल किया गया था। सवाल पूछने पर कहा गया कि क्राइम कंट्रोल के लिए ऐसा किया गया। पटना एसएसपी अवकाश कुमार का तबादला कुछ माह में ही कर दिया गया। उनके जगह पूर्णिया के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा को पटना की कमान सौंपी गई। कुछ दिन बाद ही यानी चार मई की रात बिहार के बड़े उद्योगपति गोपाल खेमका का मर्डर हो गया। अपराधियों ने गांधी मैदान थाने से करीब ढाई सौ मीटर की दूरी पर इस वारदात को अंजाम दिया और आराम से फरार हो गए।मगध हॉस्पिटल के मालिक गोपाल खेमका की हत्या के बाद सनसनी मच गई। परिजन हंगामा करने लगे। परिजनों ने आरोप लगाया कि हत्या के करीब डेढ़ घंटे तक पटना पुलिस नहीं पहुंची। पटना एसएसपी का मोबाइल भी बंद पाया गया। वारदात के बाद रात करीब साढ़े 11 बजे से सुबह सात बजे तक पटना एसएसपी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे।
मृत गोपाल खेमका के छोटे भाई संतोष खेमका ने पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के डेढ़ घंटे बाद गांधी मैदान थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पटना की सिटी एसपी (मध्य) भी दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचीं। परिजनों ने बताया कि घटनास्थल पर कई खोखे गिरे पड़े थे, जिस पर पुलिसकर्मियों द्वारा ईंट और बांस-बल्ले से घेराबंदी की गई। उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है, अपराधियों का मनोबल अब इतना बढ़ गया है कि वे घर पर चढ़कर हत्याएं कर रहे हैं।
पप्पू यादव ने पूछा- अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ कैसे गया
सांसद पप्पू यादव भी पहुंचे। उन्होंने भी बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया। पप्पू यादव ने सवाल किया कि आखिर यह परिवार कब तक बलि देता रहेगा? बीते 20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में इन्हीं गोपाल खेमका के बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। थाने से महज 300 मीटर दूर यह पॉश इलाका है और कई आला अधिकारियों का भी घर बेहद पास में है। ऐसे में सरेआम अपराधी आते हैं और एक उद्योगपति को गोली मारकर आराम से चले जाते हैं! यह बिहार में क्या हो रहा है? बिहार की पुलिस क्या कर रही है? और बिहार के अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ कैसे गया है?”