मुंबई. स्मृति ईरानी अपने आइकॉनिक शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के दूसरे सीजन के साथ टीवी पर कमबैक कर रही हैं. यह शो जियो हॉटस्टार पर आएगा है. शो में ज्यादातर पहले वाले कलाकार ही होंगे. मेकर्स ने आज स्मृति ईरानी का तुलसी विरानी के रूप में पहला लुक जारी किया. इसके बाद शो से स्मृति का यह लुक तेजी से वायरल होने लगा. स्मृति के लुक को देखकर फैंस एक्साइमेंट हो गए और भर-भरकर कमेंट्स करने लगे. एक यूजर ने लिखा, “इसने हमें बचपन की कई यादें दीं. यह एक फीलिंग्स है, एक एपिक शो है, जिसने इंडियन टीवी इंडस्ट्री को पॉजिटिवली बदला.”
स्मृति ईरानी का ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से पहला लुक वायरल.
स्मृति ईरानी की वायरल तस्वीर पर एक अन्य यूजर ने लिखा,”सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते.” एक तीसरे ने यूजर ने लिखा,, “हां, हम एक्साइटेड हैं! प्लीज शो को लेकर पहले से ही कोई अंदाजा मत लगाओ. ” जहां कई लोगों ने प्यार भरे मैसेज कमेंट्स किए. वहीं, कुछ ने मांग की कि शो को रूपाली गांगुली की ‘अनुपमा’ की जगह दी जाए.
एक ने यूजर लिखा, “अनुपमा को बंद करो और इस शो को 10 बजे का स्लॉट दो, अच्छा होगा.” एक अन्य यूजर ने लिखा, “अनुपमा को रिप्लेस करो प्लीज.” एक तीसरे यूजर ने चुटकी ली, “अनुपमा का बुरा समय शुरू हो गया अब.” ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2’ से वायरल हुई तस्वीर में स्मृति ईरानी को मैजेंटा रंग की साड़ी में दिखाया गया है.
स्मृति ईरानी का यह ड्रेप 2000 के शुरुआती दौर की याद दिलाता है, जब कई लोग अपनी फैमिली के साथ बैठकर तुलसी को ऑन-स्क्रीन अपने परिवार का परिचय देते हुए देखते थे. एक हल्की मुस्कान और माथे पर चमकते सिंदूर के साथ, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के रीबूट में स्मृति का लुक आपको एक नॉस्टैल्जिक जर्नी पर ले जाने के लिए तैयार है.
स्मृति ईरानी ने शो के बारे में कहा, “कुछ यात्राएं पूरा सर्कल में लौटती हैं. न केवल पुरानी यादों के लिए, बल्कि एक उद्देश्य के लिए. ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में वापसी करना सिर्फ़ एक भूमिका में वापस जाना नहीं है, बल्कि उस कहानी की ओर लौटना है जिसने भारतीय टेलीविजन को नई परिभाषा दी और मेरी ज़िंदगी को भी एक नई दिशा दी. इसने मुझे व्यावसायिक सफलता से कहीं ज़्यादा दिया. इसने मुझे लाखों घरों से जुड़ने का मौक़ा दिया. पिछले 25 वर्षों में मैंने दो प्रभावशाली मंचों- मीडिया और सार्वजनिक नीति पर काम किया है, जिनमें से प्रत्येक का अपना प्रभाव है, और प्रत्येक के लिए अलग तरह की प्रतिबद्धता की ज़रूरत होती है.ठ
स्मृति ईरानी ने आखिरी में कहा,”आज मैं एक ऐसे मोड़ पर खड़ी हूं जहाँ अनुभव भावनाओं से मिलता है, और रचनात्मकता दृढ़ विश्वास से. मैं केवल एक कलाकार के रूप में नहीं लौट रही, बल्कि एक ऐसी व्यक्ति के रूप में लौट रही हूं जो मानती है कि कहानी कहने की शक्ति में बदलाव लाने, संस्कृति को संजोने और सहानुभूति पैदा करने में विश्वास करती है. इस अगले अध्याय में योगदान देकर, मैं ‘क्योंकि…’ की विरासत को सम्मान देना चाहती हूं—और उस भविष्य को आकार देने में मदद करना चाहती हूं जहाँ भारत की रचनात्मक उद्योग केवल सराही न जाए, बल्कि वास्तव में सशक्त हो.”