भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई आधुनिक तोप उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) अब तैयार है। इस तोप को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पुणे में मौजूद आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) के साथ मिलकर, और प्राइवेट कंपनियां जैसे भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सहयोग से बनाया है।
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48 किमी एटीएजीएस तोप की अधिकतम मारक दूरी
इसके बारे में एआरडीई के निदेशक ए. राजू ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘एटीएजीएस तोप दुनिया की सबसे बेहतरीन तोप प्रणालियों में से एक है। यह 155 मिमी / 52 कैलिबर की तोप है और इसकी अधिकतम मारक दूरी 48 किलोमीटर है। इसमें 25 बमों की क्षमता वाला बैरल है और यह जोन सात में फायर कर सकती है। फिलहाल इसके लिए इस्तेमाल होने वाला गोला बारूद अनगाइडेड है, लेकिन हम गाइडेड यानी सटीक निशाना लगाने वाले गोले विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं।’
भारतीय सेना ने 307 एटीएजीएस तोप का दिया ऑर्डर
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने मार्च 2025 में 307 एटीएजीएस तोपों का ऑर्डर दिया है। इस ऑर्डर को भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा गया है। यानी 60% तोपें भारत फोर्ज बनाएगा और 40% टाटा कंपनी। ये सभी तोपें पांच साल की अवधि में सेना को सौंपी जाएंगी।
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डीआरडीओ और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से निर्मित
एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर आर. पी. पांडेय ने कहा, ‘यह तोप डीआरडीओ और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से बनाई गई है। इसकी फायरिंग कैपेसिटी जोन सात में है, जिससे यह 48 किलोमीटर तक निशाना साध सकती है। यह पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है और 75% तक देश में ही बनी हुई है।’
डीआरडीओ अब गाइडेड एम्युनिशन पर काम कर रहा है जिससे और ज्यादा सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। इस परियोजना के सफल विकास से भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को एक बड़ा बल मिलेगा और सेना को भी अत्याधुनिक तोपों से लैस किया जा सकेगा।