Rekha Gupta News: दिल्ली बीजेपी ने जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्र की एकता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
दिल्ली गेट स्थित डॉ. मुखर्जी पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष संतोष ओझा के नेतृत्व में संचालित इस कार्यक्रम के दौरान चित्रकला प्रदर्शनी, पौधरोपण और संगठन गीत की भी प्रस्तुति की गयी.
एक देश, एक संविधान का स्वप्न साकार हुआ
इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में डॉ. मुखर्जी को भारतीय एकता और अखंडता का शिल्पकार बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि धारा 370 के खिलाफ मुखर्जी का संघर्ष मात्र राजनीतिक नहीं, एक राष्ट्रवादी आंदोलन था, जो 2019 में पूर्ण हुआ. उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो विकास हो रहा है, रेलवे ट्रैक का विस्तार, सड़कों का निर्माण, युवाओं का आर्थिक और भावनात्मक जुड़ाव, वह डॉ. मुखर्जी के उसी विजन की परिणति है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डॉ. मुखर्जी की सोच की झलक
वैष्णव ने कहा कि, डॉ. मुखर्जी ने भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता देने का जो आग्रह किया था, उसे आज की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपनाया गया है. उन्होंने बताया कि उस दौर में जब अंग्रेजी ही शिक्षित होने का मापदंड मानी जाती थी, तब डॉ. मुखर्जी ने भारतीय भाषाओं में शिक्षा की वकालत की. उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय भाषा में युवा शिक्षा ग्रहण करेंगे तो उनकी समझने की स्थिति बेहतर होगी और आज उसी हिंदी भाषा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल किया गया है.
डॉ. मुखर्जी को समझे बिना राष्ट्रवाद अधूरा: वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने डॉ. मुखर्जी को भारतीय राष्ट्रवाद का आधारस्तंभ बताते हुए कहा कि उनके विचारों को पढ़े बिना भारत को जानना अधूरा होगा. उन्होंने कहा कि बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार के समय मुखर्जी ने आवाज़ उठाई और मुस्लिम तुष्टिकरण का विरोध किया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना से लेकर बीजेपी की आज की स्थिति तक का सफर डॉ. मुखर्जी के विचारों की ही परिणति है. उनकी नीतियां आज भारत को एक नई दिशा दे रही हैं.
डॉ. मुखर्जी का बलिदान भारत की आत्मा का प्रतीक: रेखा गुप्ता
वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉ. मुखर्जी को आजादी के बाद देश के पुनर्निर्माण में सबसे बड़ा बलिदानी बताया. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कहा कि “एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे”, तब यह सिर्फ़ नारा नहीं था, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत थी.
उन्होंने गर्व से कहा कि आज चेनाब नदी पर वंदे भारत ट्रेन चलती है, तिरंगा पूरे कश्मीर में फहरता है और संविधान का एक ही रूप पूरे भारत में लागू है, यह डॉ. मुखर्जी के सपनों की ही पूर्ति है.
इसे भी पढ़ें: रेप मामले में पटेल नगर पुलिस ने आरोपी को दबोचा, मर्डर केस में मिल चुकी है उम्र कैद की सजा