बिहार में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने पर सियासत शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर भी अपना क्रेडिट ले लिया और कहा कि मैंने 17 महीने स्वास्थ्य मंत्री रहते आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू दी थी जो अंतिम स्टेज में थी लेकिन तब तक सरकार और मुख्यमंत्री आदतन पलटी मार गए। ये निकम्मी एनडीए सरकार उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही। अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने भी झुकना ही पड़ा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि यहां सरकार ने चालाकी करते हुए हमारी इस मांग को पूर्णरूपेण लागू नहीं किया। इनको प्रोत्साहन राशि नहीं बल्कि मानदेय मिलना चाहिए। हम इन्हें मानदेय देंगे। अब इस सरकार को आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका और रसोइयां के मानदेय में भी बढ़ोतरी करने की हमारी मांग को भी मजबूरन मानना ही पड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में ही हमने विकास मित्र, शिक्षा मित्र/टोला सेवक, तालीमी मरकज़ और पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया था।
सब कुछ तेजस्वी का ही नक़ल करोगे?
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और विजन रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है। ये डर अच्छा है लेकिन 20 साल तक क्या यह मूंगफली छील रहे थे? यही सरकार, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे है। सब कुछ तेजस्वी का ही नक़ल करोगे या अपनी भी अक्ल लगाओगे?
सीएम नीतीश कुमार ने किया यह एलान
बता दें कि बुधवार सुबह ही सीएम नीतीश कुमार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ने का एलान किया है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को अब एक हजार रुपये की जगह तीन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इससे उनका मनोबल और बढ़ेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।