चिड़ियाघर में सहमी बैठी बाघिन
– फोटो : अमर उजाला
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चिड़ियाघर में सहमी बैठी बाघिन
– फोटो : अमर उजाला
पीलीभीत में एक ही दिन में तीन लोगों की जान लेने वाली खूंखार बाघिन पिंजड़े में कैद होने के बाद सहम गई है। शनिवार की रात कानपुर चिड़ियाघर आने के बाद से उसने कुछ नहीं खाया। वह चुपचाप बैठी रहती है। इससे चिड़ियाघर प्रशासन काफी चिंतित है। बुधवार को पिंजड़े में छोड़े गए जिंदा मुर्गे को उसने झपट्टा मारकर मार तो दिया लेकिन खाया नहीं। देर शाम उसे खाने में मटन दिया गया।
पीलीभीत के न्यूरिया क्षेत्र के मेवातपुर गांव में नौ जून की सुबह बाघिन ने किसान मुकेश को अपना शिकार बनाया था। इसके बाद इसी दिन मंडरिया और फुलहर गांवों में भी दो लोगों का शिकार किया था। सूचना पर वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने के लिए 12 टीमें लगाई थीं। इसमें कानपुर चिड़ियाघर के डॉ. नासिर समेत 70 अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। गुरुवार को न्यूरिया क्षेत्र के डंडिया गांव के पास गन्ने के खेत में बाघिन को पकड़ लिया गया था। करीब एक दिन वहां रखने के बाद शनिवार देर रात बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था।
उसे अस्पताल परिसर में रखा गया है। जब से बाघिन कानपुर आई है तब से शांत है। किसी के पास जाने पर भी वह शांत बैठी रहती है। पांच दिन से उसने कुछ खाया भी नहीं है। रेंजर नावेद इकराम ने बताया कि जंगल के खुले वातारण में रहने के बाद अब बाघिन पिंजड़े में कैद है। इससे वह शांत है। धीरे-धीरे स्वभाव में बदलाव आएगा। उसके बाद वह खाना शुरू कर देगी।
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