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Bollywood Superhit Movie : सच ही कहा गया है फनकार चले जाते हैं लेकिन उनका फन अमर हो जाता है. हिंदी सिनेमा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी स्वर्गीय संगीतकार की धुनों का इस्तेमाल 30 साल बाद किया गया. इन धुनों पर फिल्म की कहानी के हिसाब से नए गाने लिखे गए. फिल्म ने रिलीज होते ही इतिहास रच दिया. मूवी के गानों पर थिएटर्स पर लोग झूमते रहे. सैयारा और पठान मूवी जैसा क्रेज 21 साल पहले देखने को मिला था. फिल्म ने रिलीज होते ही इतिहास रच दिया था. 30 अवॉर्ड्स जीते थे.
30 साल पुरानी सुरीली धुनों को नए अंदाज में जमाने के सामने लाकर दर्शकों को सम्मोहित कर पाना आसान तो नहीं था. यश चोपड़ा ने इसे पूरा किया. मदन मोहन का निधन 1975 में ही हो गया था. उनकी बहुत ही सुरीली धुनों को यश चोपड़ा ने छांटा और अपनी फिल्म ‘वीर-जारा’ में इस्तेमाल किया. जावेद अख्तर ने गीत लिखे और ये गाने अमर हो गए. फिल्म भी सुपरहिट निकली. यह काम इतना आसान नहीं था. मदन मोहन के बेटे संजीव कोहली ने पूरी लगन के साथ काम किया. 12 नवंबर 2024 को दिवाली के दिन रिलीज हुई वीर-जारा ने 30 अवॉर्ड्स जीते थे. फिल्म में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी, अनुपम खेर लीड रोल में नजर आए थे. वीर-जारा फिल्म की कहानी आदित्य चोपड़ा ने लिखी थी. डायरेक्शन यश चोपड़ा ने किया था. प्रोड्यूस आदित्य चोपड़ा और यश चोपड़ा ने किया था.

वीर-जारा फिल्म में मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर मदन मोहन की 30 साल पुरानी ट्यून का इस्तेमाल किया गया था. मदन मोहन हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार थे. उनका पूरा नाम मदन मोहन कोहली था. 1950, 1960 और 1970 के दशक की कई फिल्मों में उन्होंने म्यूजिक दिया. उन्हें गजलों और नज़्मों की रूहानी तर्जों के लिए जाने जाते थे. युवावस्था में पिता के कहने पर सेना की नौकरी ज्वाइन कर ली लेकिन मन नहीं लगा. संगीत के प्रति अपने झुकाव के कारण लखनऊ-दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो में रहे. उनके पिता राय बहादुर चुन्नीलाल फिल्म व्यवसाय से जुड़े थे. लता उन्हें गजलों का सहजादा कहा करती थीं. 14 जुलाई 1975 को बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था. उनके बेटे संजीव कोहली यशराज फिल्म से जुड़े हैं. उन्होंने यश चोपड़ा को अपने पिता की पुरानी ट्यून का इस्तेमाल वीर-जारा फिल्म में करने का सुझाव दिया था.

मदन-मोहन का एक वॉइस मैसेज भी YRF यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया था. इसमें मदन मोहन कहते हैं, ‘मैं इसे अपना सौभाग्य समझता हूं कि आज बहुत अरसे के बाद आज फिर आपसे मुलाकात हो रही है. जो गीत मैं आपके सामने पेश कर रहा हूं, वो सब सुरीले हैं, हिंदुस्तानी हैं और जज्बाती हैं. मैं यह समझता हूं कि हर फनकार का जज्बाती होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर उसमें इंसानियत का जज्बा नहीं है तो वो सही फनकार नहीं हो सकता.’ वीडियो में ‘दिल ढूंढता है, फिर वही, फुर्सत के रात-दिन, बैठे रहें तसव्वर-ए-जाना किए हुए’ मदन मोहन की आवाज में यह गाना सुनाई देता है. इस सॉन्ग की ट्यून को वीर-जारा मूवी में ‘तेरे लिए हम हैं जिए, हर आंसू पिए…दिल में मगर जलते रहे, चाहत के दीये, तेरे लिए…तेरे लिए..’. इसी सॉन्ग के बोल 1975 में आई फिल्म ‘मौसम’ फिल्म में भी हमें सुनने को मिला था. गुलजार ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया था.

‘तेरे लिए हम हैं जिए….’ गाने को आवाज देने वाले रूप कुमार राठौर ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘स्वर्गीय मदन मोहन जी को मेरा दिल से शत-शत प्रणाम. मैं अपने आपको बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं कि वीर-जारा फिल्म में उनके संगीत में मुझे भी गाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इसके लिए मैं यश चोपड़ा और संजीव कोहली का खास तौर से शुक्रगुजार हूं. इस फिल्म में बहुत खूबसूरत गीत है, जिसका टाइटल है ‘तेरे लिए’, जो मैंने लता दीदी के साथ गाया है.’ ऐसे ही ‘धरती सुनहरी, अंबर नीला, हर मौसम रंगीला, ऐसा देश है मेरा’ के डमी बोल ‘ वक्त का पहिया चलता जाए, कोई रोक ना पाए, कोई रोक ना पाए’ था, जिसे मदन मोहन ने अपने शब्दों में कंपोज किया था. बाद में जावेद अख्तर ने इनमें सिचुएशन के हिसाब से नए बोल बिठाए. उदित नारायण ने फिल्म में चार गाने गाए थे. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘यह मेरी खुशनसीबी है कि मुझे मदन मोहन जी के कंपोजिशन में गाने गाने का असवर मिला. मैं खुशी से फूले नहीं समा पा रहा हूं. यश चोपड़ा और आप सबका शुक्रिया.’

यश चोपड़ा ने फिल्म के गीत-संगीत के बारे में अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘यह अपने आप में एक इतिहास है. मदन-मोहन के म्यूजिक को फिर से कंपोज किया गया. फिल्म का एक गाना बहुत ही सुंदर था जिसे जावेद अख्तर ने बहुत ही खूबसूरती से लिखा था. वो गाना था : ‘तेरे लिए हम हैं जिए…’ गीत का मुखड़ा ही पूरी लव स्टोरी को बताता है. प्यार के दर्द-अहसास और कसमों-वादों को बताता है. लता मंगेशकर जब इस गाने के लिए ऑफिस आई थीं तो रोने लगी थीं. वो मदन मोहन को भाई मानती थीं. उस दिन उन्होंने गाना रिकॉर्ड करने से इनकार कर दिया था. फिर दूसरे दिन गाना रिकॉर्ड हो पाया था.’

लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मदन भैया मैंने कैसे-कैसे गाने गाए हैं, हम सबने कोशिश की है, जो बहुत सी धुने छोड़ गए थे, उन्हें रिकॉर्ड करें और आपकी याद ताजा करें. इनमें से कई धुनें मैंने आपके सामने सुनी थीं. जो आज आपके जाने के 30 साल बाद गाने का श्क्ल ले रही हैं. मदन भैया जब मैं आज रिकॉर्डिंग करती हूं तो यूं लगता है कि आप जैसे मेरे पास खड़े हैं और मुझे गाना सिखा रहे हैं.’

प्रीति जिंटा ने अपने एक इंटरव्यू में वीर-जारा फिल्म और यश चोपड़ा के बारे में अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘वो मुझे हिमाचल की हीरोइन बोलते थे. मेरे परिवार से उनके करीबी रिश्ते थे. वो मुझे पराठा-कढ़ी ऑफर करते थे. 15 दिन कॉस्ट्यूम ट्रायल में लगे. फिल्म की शूटिंग पार्टी जैसी लगती थी. सब कुछ ऑर्गनाइज तरीके से. 75 दिन में फिल्म शूट हुई थी. शेड्यूल से 20 दिन पहले ही फिल्म शूट हो गई थी. वीर-जारा के बाद उन्होंने मुझे प्रीति नाम से कभी नहीं बुलाया. वो मुझे हमेशा जारा नाम से बुलाते थे. पंजाब में जून माह से फिल्म का गाना ‘ऐसा देश है मेरा’ शूट हुआ था. मेरी तबीयत खराब हो गई थी. वो कहते थे कि मेरी जारा बहुत नाजुक है. अटारी बॉर्डर पर 5 हजार लोगों के बीच सीन शूट किए थे. मेरा डॉग उन दिनों मर गया था. मेरा मूड सैड था. जब उन्हें पता चला तो सीन बदल दिया और कव्वाली शूट की. ‘आया तेरे दर पे दीवाना…’ जो मेरे मूड के मुताबिक थी.’

वीर-जारा फिल्म में मनोज बाजपेयी का एक छोटा सा लेकिन पावरफुल रोल था. मनोज बाजपेयी ने इस रोल को मिलने के पीछे का दिलचस्प किस्सा सुनाया था. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘उन्होंने मेरी फिल्म पिंजर देखी थी. मुझे नेशनल अवॉर्ड मिला था. अटल बिहारी बाजपेयी उस समय देश के प्रधानमंत्री थे. उस अवॉर्ड समारोह में यश चोपड़ा भी पहुंचे थे. मैं जब मुंबई आया तो उन्होंने मुझे ऑफिस में मिलने के लिए बुलाया. उन्होंने बताया कि मैं एक फिल्म बना रहा हूं. तुह्मारे लिए एक गेस्ट अपीयरेंस का रोल है. क्या तुम करना चाहोगे? मैंने हामी भर दी. उन्होंने सेट पर मुझे बहुत इज्जत दी. कोई प्रोड्यूसर हो तो यश चोपड़ा जैसा. उन्होंने पहले दिन से मुझे यह अहसास नहीं होने दिया कि मैं गेस्ट अपीयरेंस कर रहा हूं. मुझे लगता था कि शाहरुख और मेरा बराबर का रोल है.’

वीर-जारा में कुल 11 गाने रखे गए थे. फिल्म का म्यूजिक बहुत ही मेलोडियस था. सभी गाने सुपरहिट निकले थे. गानों की थीम क्लासिकल रोमांटिक गानों के जैसी थे. फिल्म का म्यूजिक बहुत पसंद किया गया था. 2004 में म्यूजिक एल्बम की 30 लाख से ज्यादा कैसेट बिकी थीं. फिल्म का बजट 23 करोड़ रुपये रखा गया था. फिल्म ने वर्ल्डवाइड 97 करोड़ का बिजनेस किया था. वीर-जारा 2004 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में पहले नंबर पर थी.

फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर क्रॉस एक लव स्टोरी पर बेस्ड थी. पंजाब की पृष्ठभूमि थी. यश चोपड़ा का जन्म भी पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था. भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया और जालंधर में शिफ्ट हो गया था. ‘वीर-जारा’ का टाइटल पहले ‘ये कहां आ गए हम’ रखा जाना था. ये टाइटिल सिलसिला फिल्म के ‘ये कहां आ गए हम’ से इंस्पायर्ड था. बाद में यश चोपड़ा और आदित्य चोपड़ा ने इसे बदलकर वीर-जारा रख दिया.
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