10:51 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025: छठ पर्व में इन फलों को जरूर करें शामिल
छठ पूजा सामग्री
– फोटो : amar ujala
छठ पर्व में डूबते और उगते सूर्य दोनों को ही अर्घ्य देने का खास महत्व होता है। छठ पर्व का तीसरा दिन यानी संध्या अर्घ्य सबसे खास दिन होता है जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठी माता को फल, फूल और ठेकुआ अर्पित किया जाता है। छठ पूजा में इन पांच फलों को जरूर शामिल करना चाहिए- केला, अनानास, नींबू, डाभ,गन्ना और सिंघाड़ा।
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10:42 AM, 27-Oct-2025
Chhathi Maiya Aarti Lyrics in Hindi: छठ पूजा में छठी मईया की आरती का महत्व
छठी मईया की आरती
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
10:33 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025: छठी माई से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
- – छठी माता को ब्रह्राा जी की मानस पुत्री माना जाता है।
- – छठी माता को देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी का रूप भी माना जाता है।
- – छठी माता को सूर्य देव की बहन माता माना गया है। ऐसे में छठ पर्व पर सूर्यदेव के साथ छठ माता की पूजा करने का विधान होता है।
- – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ माता को संतान की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। इस कारण से संतान की लंबी आयु, बेहतर सेहत और सौभाग्य की कामना के लिए छठ पूजा का खास महत्व होता है।
- – सबसे पहले छठ का व्रत बिहार में देवी सीता, कुंती और द्रौपदी ने किया था। जिसके कारण इनके जीवन में आने वाले सभी तरह के कष्ट दूर हो गए थे।
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10:14 AM, 27-Oct-2025
chhath puja 2025: संध्या अर्घ्य का महत्व
छठ पर्व पर सूर्यदेव और उनकी बहन छठी माता की पूजा-आराधना होती है। छठ पर्व चार दिनों तक चलता है जिसमें तीसरे दिन छठ पूजा का सबसे खास दिन माना जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं किसी पवित्र नदी या तालाब में खड़े होकर अस्त होते सूर्यदेव और छठी माता को जल और दूध अर्पित करते हुए उनको बांस के सूप में मौसमी फल, सब्जियां और ठेकुआ अर्पित करती हैं। छठ पर्व पर व्रती करीब 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती हैं।
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10:06 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025: आज छठ पूजा का संध्या अर्घ्य का समय
आज देशभर में छठ पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का होता है। आज के दिन व्रती घाट पर अपने परिवार के सदस्यों संग किसी पवित्र नदी के किनारे आकर शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं और छठी मईया की पूजा करती है। पंचांग के अनुसार आज सूर्यास्त का समय 05 बजकर 40 मिनट का है। इस दौरान सभी व्रती अस्त होते सूर्यदेव की पूजा और अर्घ्य देती हैं।
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10:04 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025 :जानिए छठ पर्व का महत्व
हिंदू धर्म में छठ पर्व का विशेष महत्व होता है। लोक आस्था का महापर्व छठ चार दिनों तक चलता है। पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन छठ पूजा का खास दिन होता है जिसमें छठी मईया की पूजा और डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं। इसके बाद चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटों तक चलने वाले निर्जला व्रत का पारण होता है।
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09:55 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025: आज षष्ठी तिथि पर छठ पूजा
आज सूर्योपसना का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा का पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार षष्ठी तिथि का आरंभ आज यानी 27 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक है। इस तिथि का समापन 28 अक्तूबर 2025 को सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर होगा।
09:50 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja Wishes: छठ पर्व की शुभकामनाएं

Happy Chhath Puja 2025 Wishes
– फोटो : अमर उजाला
आज छठ महापर्व है। हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस तिथि पर सूर्य के अस्त होने पर अर्घ्य देने की परंपरा होती है। छठ पूजा चार दिनों का पर्व होता है। छठ पर्व पर व्रती 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला उपवास में सूर्यदेव की उपासना और छठ मैया की पूजा करने विशेष महत्व होता है। छठ पर्व पक दोस्तों, रिश्तेदारों और परिजनों को छठ की शुभकामनाएं भेजी जाती है।
छठ का व्रत देता संतान को दीर्घायु का वरदान
ये छठ आपके जीवन में भी लाए उमंग अपार।
उल्लास और खुशियां हो जीवन में सदा बरकरार
मुबारक हो आपको छठ का पावन त्योहार
सूरज की पूजा, जल की धार,
छठ का त्योहार लाए खुशियों की बहार।
छठ मईया का आशीर्वाद मिलें बार-बार,
हर मन में हो उमंग, हर घर में प्यार।
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
गेहूं का ठेकुआ, चावल के लड्डू,
खीर, अन्नानास, नींबू और कद्दू,
छठी मैया करे आपकी हर मुराद पूरी।
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
मंदिर की घंटी, आरती की थाली
नदी के किनारे सूरज के लाली,
जिंदगी में आएं खुशियों की बहार,
शुभ हो छठ के त्योहार
06:23 AM, 27-Oct-2025
Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ आज, जानिए संध्या अर्घ्य का समय और महत्व
हिंदू धर्म में छठ पर्व का विशेष महत्व होता है। यह त्योहार हर वर्ष दीपावली के छठवें दिन मनाया जाता है। छठ पूजा का उत्सव चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और समापन शुक्ल पक्ष सप्तमी को होता है। छठ पर्व के तीसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को शाम के समय सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शाम को बांस की टोकरी में कई तरह के फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू को एकत्रित करते हैं। फिर सूप में इसे सजाया जाता है। इसके बाद शाम को सूर्यास्त पर व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य के समय सूर्यदेव को दूध, जल और गंगाजल अर्पित करते हैं। साथ ही प्रसाद से भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। दीपक जलाकर सूर्यदेव और छठी मईया की आरती करते हुए गीत गाया जाता है व्रत कथा सुनी जाती है।
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