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Nadeem Shravan Hit Songs : 90 के दशक में मेलोडियस किंग के नाम से मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर नदीम-श्रवण ने 15 साल से ज्यादा समय तक गुमनामी में बिताए. महेश भट्ट के निर्देशन में बनी 1990 में रिलीज हुई ‘आशिकी’ मूवी से रातोंरात स्टार बने थे. नदीम-श्रवण जब संघर्ष कर रहे तो काम मांगने के लिए एक प्रोड्यूसर के पास पहुंचे थे. प्रोड्यूसर ने उनके गाने सुने लेकिन काम नहीं दिया. जब नदीम-श्रवण का समय आया तो अनोखे अंदाज में प्रोड्यूसर से अपना बदला लिया. एक खास शर्त के साथ अपना गाना दिया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. 5 अवॉर्ड भी जीते थे. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा…
90 के दशक में नदीम-श्रवण के म्यूजिक ने हर किसी को दीवाना बना लिया था. फिल्म चले या ना चले, नदीम-श्रवण का म्यूजिक सुपरहिट रहता था. नदीम का पूरा नाम नदीम सैफी जबकि श्रवण का पूरा नाम श्रवण राठौर था. नदीम-श्रवण जब इंडस्ट्री में नए थे तो काम के सिलसिले में आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन से मिले थे. ताहिर हुसैन ने उनसे कई गाने सुने और काम देने का वादा किया. उस समय रोजा चल रहे थे. साथ में बैठकर इफ्तार किया. फिर ईद के दिन नदीम ने ताहिर हुसैन को फोन किया. ईद की बधाई दी लेकिन ताहिर ने कहा कि अभी आपका म्यूजिक थोड़ा सा कच्चा है. इतना सुनते ही नदीम बहुत दुखी हुए.

नदीम-श्रवण का संघर्ष जारी रहा. किसी तरह से दोनों के हाथ में ‘इलाका’ फिल्म आई. 1989 में आई इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और माधुरी दीक्षित लीड रोल में थे. इस फिल्म का एक गाना ‘प्यार से भी ज्यादा तुझे प्यार करता हूं…’ समीर अंजान ने लिखा था. इसी फिल्म से नदीम-श्रवण-समीर की जोड़ी बनी थी. दिलचस्प तथ्य यह है कि समीर अंजान को पहली मुलाकात में नदीम ने रिजेक्ट कर दिया था. ‘प्यार से भी ज्यादा तुझे प्यार करता हूं..’ लाइन को पूरा करने का चैलेंज भी दिया था. समीर ने भी आनन-फानन में ‘याद तुझे एक पल में सौ बार करता हूं’ लाइन सुनाकर मुखड़े को पूरा किया था. इलाका फिल्म के गानों की रिकॉर्डिंग के दौरान तीनों की मुलाकात अनुराधा पौडवाल से हुई. अनुराधा पौडवाल ने तीनों की मुलाकात टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से करवाई थी.

गुलशन कुमार के साथ ‘चाहत’ नाम के एल्बम के लिए गाने रिकॉर्ड किए गए थे. फिर बाद में महेश भट्ट ने गानों पर फिल्म बनाई, जिसका नाम था : ‘आशिकी’. आशिकी फिल्म ने रातोंरात नदीम-श्रवण को स्टार बना दिया. करोड़ों की संख्या में फिल्म के ऑडियो कैसेट बिके. दिल है के मानता नहीं, सड़क, साथी, साजन फिल्म का म्यूजिक बहुत हिट रहा. नदीम-श्रवण-समीर के गीत और कुमार सानू की आवाज का जादू हर किसी के सिर पर चढ़कर बोल रहा था. सड़क-चौराहों, बसों-ऑटो में इन्हीं के गानों की धूम मची हुई थी. इसी बीच आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन एक फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे थे. उन्होंने फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी महेश भट्ट को दी. फिल्म के प्रोड्यूसर खुद थे. नाम था : हम हैं राही प्यार के.

ताहिर हुसैन ने महेश भट्ट से ‘हम हैं राही प्यार के’ में नदीम-श्रवण का म्यूजिक लेने की इच्छा जताई. महेश भट्ट ने नदीम-श्रवण से संपर्क किया और ताहिर हुसैन का मैसेज उन्हें दिया. नदीम-श्रवण एक दिन ताहिर हुसैन के घर पहुंचे. बातचीत हुई लेकिन नदीम ने म्यूजिक देने के पहले एक शर्त रख दी.

ताहिर हुसैन ने जब इस शर्त के बारे में नदीम से पूछा तो उन्होंने कहा कि वैसे तो 10 लाख में फिल्मों में म्यूजिक देते हैं लेकिन आपसे 11 लाख रुपये लेंगे. यह सुनकर ताहिर हुसैन नाराज हो गए. उन्होंने नदीम से इसकी वजह पूछी. नदीम ने कहा कि आपने हमसे गाने सुने थे लेकिन फिल्म नहीं दी थी. ऐसे में हम उसका ब्याज 1 लाख रुपये लेंगे. अंत में ताहिर हुसैन को उनकी शर्त पूरी करनी पड़ी. यह पूरा किस्सा श्रवण राठौर ने अपने एक इंटरव्यू में भी सुनाया था.

नदीम ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन ने कहा था कि हम बहुत नौजवान हैं. इस पर मैंने कहा था कि हम दिखने की चीज नहीं सुनने की चीज हैं. बाद में हमारे बीच अच्छे संबंध बन गए.’

‘हम है राही प्यार के’ एक रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म थी जो कि 23 जुलाई 1993 को रिलेज हुई थी. फिल्म में आमिर खान, जूही चावला, दिलीप ताहिल, कुणाल खेमू, नवनीत निशान नजर आई थीं. फिल्म का डायरेक्शन महेश भट्ट ने किया था. प्रोड्यूसर ताहिर हुसैन थे. फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट रहा था. फिल्म में कुल 6 गाने रखे गए थे और सभी गाने ब्लॉकबस्टर थे. फिल्म के सुपरहिट गानों में ‘घूंघट की आड़ से दिलवर का, काश! कोई लड़का मुझे प्यार करता, यूं ही कट जाएगा, सफर साथ चलने से…, वो मेरी नींद मेरा चैन मुझे लौटा दो, बंबई से गई पूना, पूना से दिल्ली, दिल्ली से गई पटना’ शामिल थे.

‘हम है राही प्यार के’ फिल्म का बजट करीब 3 करोड़ रुपये रखा गया था. फिल्म ने 9 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. यह एक बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी. फिल्म की कहानी महेश भट्ट के सौतेले भाई रॉबिन भट्ट ने लिखी थी और ताहिर हुसैन को सुनाई थी. ताहिर हुसैन फिल्म को प्रोड्यूस करने के लिए तैयार हो गए. ‘हम हैं राही प्यार के’ 1958 में आई अमेरिकी फिल्म ‘हाउसबोट’ से इंस्पायर्ड थी. आमिर खान ने फिल्म का स्क्रीनप्ले रॉबिन भट्ट के साथ में लिखा था.

‘घूंघट की आड़ से’ गाने पर ताहिर हुसैन ने आपत्ति जताई थी और गीतकार समीर अंजान को ‘आड़” शब्द हटाने को कहा था. समीर उसकी जगह पर कोई नया शब्द नहीं ढूंढ पाए. नदीम भी अड़ गए और गाने के बोल बदलने से इनकार कर दिया. बाद में यही सॉन्ग फिल्म का सबसे सुपरहिट साबित हुई. समीर अंजान ने अपने एक इंटरव्यू में पूरा किस्सा सुनाया था.

आमिर खान ने कपिल शर्मा शो में कहा था. ‘हम हैं राही प्यार के में पूरी फिल्म के दौरान मैं कैरेक्टर को नहीं पकड़ पाया. मैं कन्फ्यूज रहा. मैंने डायरेक्टर महेश भट्ट को भी इस बारे बताया था. इस पर महेश भट्ट ने कहा कि अच्छा है कि तुम्हारा कैरेक्टर पकड़ में नहीं आ रहा है. फिल्म में यही कैरेक्टर है तुम्हारा. तुम अपनी जगह बिल्कुल सही हो.’

‘हम हैं राही प्यार के’ फिल्म को 5 अवॉर्ड मिले थे. 39वें फिल्म फेयर अवॉर्ड में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ताहिर हुसैन को, बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जूही चावला को, बेस्ट गीतकार का अवॉर्ड समीर अंजान को ‘घूंघट की आड़ से’ के लिए मिला था. इसके अलावा, 41वें राष्ट्रीय फिल्म समारोह में महेश भट्ट को स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड और बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड अल्का याज्ञनिक को ‘घूंघट की आड़ से’ के लिए मिला था.
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