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Same Tune songs in 3 Bollywood Movies : बॉलीवुड फिल्म के कई गानों को सुनते समय कई बार आपके मन में भी ख्याल आता होगा कि ये धुन तो सुनी हुई लगती है. 70-80 के दशक में कई संगीतकारों ने मशहूर गानों की ट्यून में थोड़ा बहुत बदलाव करके नई धुन बना डाली. 19 साल के अंतराल में ऐसी ही तीन फिल्में सिनेमाघरों में आईं जिनमें एक ही ट्यून पर तीन अलग-अलग गाने बनाए गए. तीन में से एक फिल्म कल्ट क्लासिक मानी जाती है. दूसरी फिल्म सुपरहिट हुई थी.
बॉलीवुड में 60-70-80 के दशक में म्यूजिक पर बंगाल का खासा प्रभाव देखने को मिलता है. एसडी बर्मन से लेकर बप्पी लहरी के म्यूजिक से सजी फिल्में इस दौरान सिल्वर स्क्रीन पर आईं. इन संगीतकारों की फिल्मों में बंगाल के फॉक म्यूजिक की छाप देखने को मिलती है. 19 साल के अंतराल में तीन फिल्में तो ऐसी भी आईं जिनमें एक जैसी ट्यून सुनने को मिली. तीन अलग-अलग गाने इस ट्यून पर बनाए गए. ये फिल्में थीं : गाइड, जेल यात्रा और शराबी.

दरअसल, 18 मई 1984 में प्रकाश मेहरा की एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसका एक गाना ‘मुझे प्यार दे, प्यार दे, प्यार दे रे, मुझे प्यार दे…’ आज भी हमें जब भी सुनाई देता, दिल गाने को सुनकर झूम उठता है. शराबी फिल्म के इस गाने की ट्यून पहले भी दो फिल्मों ‘जेल यात्रा’ और ‘गाइड’ में सुनाई देती है.

जानकारी के मुताबिक, इस सुरीली धुन की कहानी 1940 से शुरू होती है. अब्बासुदीन अहमद का एक बंगाली सॉन्ग 1940 में रिलीज हुआ था जिसके बोल थे : ‘अल्लाह मेर दे, पानी दे..’. एसडी बर्मन ने फिल्म गाइड के लिए उसी धुन के साथ इसका छोटा सा वर्जन बनाया था. गाने के बोल रखे : ‘अल्लाह मेघ दे, पानी दे, छाया दे, रामा मेघ दे…’.

फिर इसी धुन को आरडी बर्मन ने ‘जेल यात्रा’ फिल्म में थोड़ा बहुत चेंज के साथ इस्तेमाल किया. गाना था : ‘नहीं लगता ऐ दिल, तेरे बिना, नहीं लगता.’ यह सॉन्ग लगा मंगेशकर ने गाया था. जेल यात्रा फिल्म 7 सितंबर 1981 को रिलीज हुई थी. फिल्म में विनोद खन्ना-रीना रॉय, अशोक कुमार लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म का स्क्रीनप्ले सचिन भौमिक ने लिखा था. डायरेक्शन बप्पी सोनी ने किया था. म्यूजिक आरडी बर्मन का था.

जेल यात्रा रिलीज होने के एक साल बाद ही बप्पी लहरी ने 1982 में अपने एल्बम ‘रुनालैला’ में इसी धुन का इस्तेमाल किया और एक सॉन्ग तैयार किया, जिसके बोल थे : ‘दे दे प्यार दे, प्यार दे, प्यार दे रे…’. आगे चलकर जब प्रकाश मेहरा ‘शराबी’ फिल्म बना रहे थे तो बप्पी लहरे ने यह गाना उन्हें सुनाया. इस गाने को शराबी फिल्म में रख लिया गया. शराबी फिल्म का एक और गाना ‘मुझे नौ लखा मंगवा दे, ओ सैंया दीवाने…’ भी पॉप्युलर हुआ था जिसमें आशा भोसले और किशोर कुमार ने आवाज दी थी.

<br />शराबी फिल्म की स्टोरी-स्क्रीनप्ले चार माह पहले ही कादर खान को दे दिया गया था ताकि वो अच्छे डायलॉग लिख सकें. 1973 में आई जंजीर के बाद यह दूसरा मौका था जब प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन-प्राण को अपनी किसी फिल्म में एकसाथ लिया था. शराबी फिल्म में ओम प्रकाश और अमिताभ बच्चन के डायलॉग-सीन बहुत ही कमाल के थे. फिल्म का एक डायलॉग ‘मूंछे हो तो नत्थूलाल जैसी’ बहुत फेमस हुआ था.

अमिताभ बच्चन के साथ शराबी फिल्म में जया प्रदा की पहली मूवी थी. जया प्रदा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘शराबी फिल्म मेरी जिंदगी की एक यादगार फिल्म है. पहली बार जब मैं अमित जी के साथ काम करने के लिए सेट पर आई थी तो बहुत नर्वस थी क्योंकि वो भाषा के जानकार थे. मुझे उतनी अच्छी हिंदी नहीं आती थी. मुझे डर लगता था. जब हमने ‘मुझे नौ लखा मंगवा दे’ गाना शूट किया तो उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया. कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वो बहुत बड़े आर्टिस्ट हैं.’

गाइड फिल्म की बात करें तो यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सार्वकालिक महान फिल्मों में से एक है जो कि भारत के प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक आरके नारायण के उपन्यास ‘द गाइड’ पर बेस्ड थी. स्क्रीनप्ले-डायलॉग विजय आनंद ने लिखे थे. विजय आनंद ने ही फिल्म का डायरेक्शन किया था. हिंदी सिनेमा की कल्ट क्लसिक फिल्म माना जाता है. देवानंद और वहीदा रहमान की शानदार एक्टिंग, दिल को लुभाने वाला गीत-संगीत सुनने को मिला था. फिल्म की सबसे बड़ा टर्निंग पाइंट क्लाइमैक्स था.
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