मच्छर
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अपने अलीगढ़ जिले में शहर के 60 मोहल्ले और देहात क्षेत्र के 140 गांव डेंगू और मलेरिया के लिए अति संवेदनशील घोषित हैं। इन इलाकों में मच्छरों का सर्वाधिक प्रकोप है। स्वास्थ्य विभाग के स्तर से इनकी सूची नगर निगम, जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजकर यहां जलजमाव खत्म कराने से लेकर साफ-सफाई ऑर फॉगिंग की सिफारिश कर दी है। एक अप्रैल से संचारी रोगों के खिलाफ अभियान भी शुरू हो गया है। मगर मच्छरों का आतंक जारी है और पहली साप्ताहिक रिपोर्ट में अपने जिले की हालत बेहद पतली है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अभी तो शुरुआत है। आने वाले समय में मच्छरों से कैसे लड़ा जाएगा।
कहने को तो नगर निगम ने फॉगिंग अभियान शुरू कर दिया है। लेकिन फॉगिंग कहां हो रही है, इसका पता नहीं। बात अगर देहात क्षेत्र की करें तो वहां अभी अभियान शुरू करने का इंतजार है। ये हालात तो तब हैं जब पहली अप्रैल से शुरू हुए संचारी रोग नियंत्रण अभियान का पहला सप्ताह बीत गया है। वो दिन दूर नहीं, जब बहुत जल्द मच्छर जनित रोग पांव पसारने लगेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 140 गांव और 60 मोहल्ले पिछले वर्ष के हालात, इन इलाकों में गंदगी और जलजमाव को लेकर संवेदनशील घोषित किए हैं।
शासन के नियम के अनुसार, गांवों में प्रधान के द्वारा और शहरी क्षेत्र में नगर निगम के द्वारा सफाई व एंटी लार्वा दवा छिडक़ाव किया जाना है। स्वास्थ्य विभाग की सिफारिश के बाद नगर क्षेत्र में तैयारी के नाम पर फॉगिंग कराई जा रही है। इसकी सूचना हर दिन स्वास्थ्य विभाग को और नगर निगम अधिकारियों को दी जा रही है। मगर कहां फॉगिंग हो रही है, यह कुछ दिख नहीं रहा। इसकी कहीं कोई मॉनीटरिंग की व्यवस्था नहीं है, जबकि शहरी क्षेत्र में मच्छर लगातार प्रहार कर रहे हैं। हालात रात के ही नहीं, दिन में भी खुले में बैठने योग्य नहीं रह रहे। कमोबेश यही हालात देहात में हो रहे हैं।