Chaitra Navratri 2024
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शक्ति की आराधना का महापर्व वासंतिक नवरात्र नौ अप्रैल से शुरू हो रहा है। काशी में वासंतिक नवरात्र में नौ दुर्गा के साथ ही नौ गौरी की पूजा का भी विधान है। नौ दिन मां के नौ रूपों की पूजा शास्त्रों के अनुसार होती है। रंगों का भी नवरात्र की पूजा में अपना अलग महत्व होता है। नौ दिन देवियों के रूप के अनुसार रंगों के वस्त्र धारण कर पूजन करना और भी ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है। नौ दिन देवियों के रूप के अनुसार अलग-अलग रंगों के वस्त्र धारण करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
1- कर्मकांडी एवं ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष पांडेय के अनुसार नवरात्र के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा होती है। पर्वत राज हिमालय की पुत्री का वर्ण सफेद है। माता को नारंगी और श्वेत रंग सबसे प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन भक्तों को सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
2- माता ब्रह्मचारिणी के स्वभाव के अनुरूप सफेद रंग सबसे उत्तम माना जाता है। नवरात्र के दूसरे दिन भी सभी को सफेद रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
3- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। मां सदैव लाल जोड़े में भक्तों को दर्शन देती हैं। इसलिए भक्तों को लाल रंग के वस्त्र पहनकर माता का पूजन करना चाहिए। लाल रंग वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इससे समृद्धि बढ़ती है।