निजी एंबुलेंस में शव को ले जाते परिजन
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मथुरा से कासगंज जा रही पैसेंजर ट्रेन में 8 अप्रैल की एक महिला की तबीयत अचानक बिगड़ी गई। अस्पताल ले जाने पर महिला को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सरकारी एंबुलेंस न मिलने पर पति निजी एंबुलेंस से शव को घर लेकर गया।
अलीगढ़ के दादों थाना क्षेत्र के गांव सांकरा निवासी 19 वर्षीय नेहा पत्नी राजू गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। 8 अप्रैल को पति वृंदावन स्थित एक अस्पताल में दिखाने गए थे। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर होने पर उसे अन्य चिकित्सालय में दिखने की सलाह दी। 8 अप्रैल शाम को मथुरा से कासगंज की ओर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में दोनों कासगंज के एक अस्पताल में जा रहे थे। इसी बीच हाथरस जंक्शन पर ट्रेन में महिला की तबीयत बिगड़ गई।
सूचना पर जीआरपी भी मौके पर पहुंच गई। इलाज के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचाया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। शव को घर ले जाने के लिए पति राजू अस्पताल में घंटों तक चिकित्सकों से सरकारी एंबुलेंस की मांग करता रहा। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में निजी एंबुलेंस से शव को परिजन घर लेकर गए।
मामले में सीएमएस डॉ. सूर्यप्रकाश का कहना है कि जिले से बाहर का शव भेजने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। कई बार अनुमति लेने के बाद चालक को आने में देरी हो जाती है। शव को निजी एंबुलेंस से लेकर जाने का मामला संज्ञान में नहीं है।