थल सेना अध्यक्ष मनोज पांडे ने भारतीय सेना के जवानों को अप्रत्याशित घटनाओं के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होंने जल, थल और वायुसेना के बीच आपसी तालमेल के महत्व पर भी जोर दिया।
थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे
– फोटो : ANI
विस्तार
भारतीय सेना को अप्रत्याशित घटनाओं के लिए हर समय तैयार रहना होगा और किसी भी हाल में विचलित नहीं होना होगा। तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में एक संबोधन के दौरान थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने इन बातों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अचानक होने वाली घटनाएं अधिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं क्योंकि इनके बारे में पहले से अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
‘प्रतिस्पर्धा के लिए प्रौद्योगिकी का महत्व समझना जरूरी’
इस दौरान थल सेना अध्यक्ष ने राष्ट्रों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच आपसी तालमेल होना बेहद जरूरी है। इससे खतरों का प्रभावी ढंग से आकलन करने, रणनीतियों को स्पष्ट करने, क्षमताओं की पहचान करने और नीतियां बनाने में काफी मदद मिलती है। युद्ध के साजोसामान में प्रौद्योगिकी की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में होने वाले युद्ध और भी घातक साबित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नई प्रौद्योगिकियों से पारंपरिक युद्ध को नया स्वरूप मिला है। उन्होंने अंतरिक्ष, साइबर और सूचना प्रौद्योगिकी सहित नये क्षेत्रों में युद्ध के विस्तार पर भी चर्चा की।
आत्मनिर्भरता पर दिया जोर
जनरल पांडे ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत लगातार उभर रहा है इसलिए रणनीतिक परिदृश्य में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की बढ़ती आवश्यकता पर जोर देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है।