जेल।
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उत्तर प्रदेश के आगरा में बोदला के बहुचर्चित 10 हजार वर्ग मीटर जमीन कब्जाने के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। एसआईटी की जांच में जमीन को कब्जाने के मुकदमे की वादी उमा देवी और पीड़ित केयरटेकर रवि कुशवाहा ही फर्जीवाड़ा करने के मुख्य आरोपी निकले। उन्होंने जमीन के असली मालिक टहल सिंह का मृत्यु और वारिसान प्रमाणपत्र तक फर्जी दस्तावेजों की मदद से बनवाए थे।
खुद को टहल सिंह की पुत्रवधू बताने वाली उमा देवी फर्जी वारिस बनी थी। केयरटेकर और उसके भाई ने नगर निगम और तहसील की जांच में फर्जी गवाही देकर साथ दिया। टहल सिंह के पुलिस के सामने आने के बाद एसआईटी की जांच में यह खुलासा हुआ। इस पर मंगलवार को उमा देवी, रवि कुशवाहा सहित 6 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। केस में विवेचना जारी है। जमीन कब्जाने के खेल के पीछे कौन है? इसकी जांच चल रही है।