मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूर्वांचल के एक हिस्से में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी उसे गरीबों का मसीहा बता रहे हैं, जबकि सरकारी दस्तावेजों में मुख्तार अंसारी इंटरस्टेट 191(IS) सरगना के तौर पर दर्ज थे। मुख्तार अंसारी के भाई और इस वक्त गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी अफजाल अंसारी का दावा है कि उनके भाई की मौत सरकारी सिस्टम में जेल के भीतर जहर देकर की गई। वह सही वक्त आने पर अपने भाई की मौत को जहर देकर हुई हत्या के तौर पर साबित करने का दावा करते हैं।
उनका मानना है कि परिवर्तन तो होकर ही रहेगा और उस परिवर्तन के बाद सिर्फ उनके भाई ही नहीं बल्कि और भी बहुत सी मौतों पर से पर्दा उठेगा। अमर उजाला डॉट कॉम के आशीष तिवारी से विशेष बातचीत में अफजाल अंसारी कहते हैं कि उनके भाई की मौत बदला आने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को बेदखल करके लिया जाएगा। उन्होंने पूर्वांचल की सियासत पर भी तफसील से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश।
सवाल: मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर आप और आपका परिवार दावा कर रहा है कि उन्हें को जहर देकर मारा गया। क्या हकीकत है और इस दावे में क्या सच्चाई है?
– देखिए अब कुछ पर्दे में तो रह नहीं गया। साढ़े 18 साल में पहली बार मुझे रेडियोग्राम और टेलीग्राम से सूचित किया जाता है कि आप बांदा जेल पहुंचिए। मुख्तार अंसारी की तबीयत बेहद खराब है। वह आईसीयू में दाखिल हैं। मैं वहां जाता हूं तो मेरा भाई खुद कहता है कि उसको स्लो पॉयजन दिया गया है। मैं और मेरा भाई लगातार मिन्नते करते रहे कि अच्छे डॉक्टर को दिखलाया जाए, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। वहां दो फार्मासिस्ट और एक सर्जन मौजूद थे।
सवाल: लेकिन अब तो आपके परिवार के इस आरोप के बाद मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
– हिरासत में हुई मौत के बाद एक जांच बिठाई ही जाती है। इस मामले में भी एक मजिस्ट्रेटरियल जांच बिठा दी गई है। अब मजिस्ट्रेट की कोर्ट में जाकर बयान दे दिए जाएंगे। जांच पूरी हो जाएगी। लेकिन सच्चाई यही है बांदा जेल में जाकर ढंग से तफ्तीश कर ली जाए तो पता चल जाएगा कि मुख्तार अंसारी की मौत की वजह क्या है।
सवाल: आप इतने सवाल उठा ही रहे हैं, तो कोर्ट का रुख क्यों नहीं करते हैं। न्यायपालिका पर तो आपको भी भरोसा है?
– कोर्ट में तो मुख्तार अंसारी ने ही जेल में अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। कई बड़े-बड़े नामों का उल्लेख करके कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। अब चुनावों के बाद की तारीख मिली है, तो उसमें जो मुझे करना होगा वो मैं करूंगा। अपने अगले कानूनी कदमों के बारे में मैं आपसे अभी कुछ भी साझा नहीं कर सकता।
सवाल: आपने अभी कुछ दिन पहले कहा था कि अपने भाई मुख्तार अंसारी को इस तरह दफनाया है कि उसकी मौत का राज बरसों बाद भी खुल जाएगा।
– मैं आज भी अपने उसे बयान पर कायम हूं। बरसों बाद भी मैं अपने भाई की मौत का राज खोल दूंगा। मैं साबित करुंगा कि जो उसकी हत्या में शामिल हैं, वह कौन-कौन लोग थे। इसकी मैं ज्यादा डिटेल आपको साझा नहीं कर सकता, लेकिन मेरे पास पुख्ता सबूत हैं कि मेरे भाई को जहर देकर मारा गया है। मैं सही वक्त पर उसे साबित कर दूंगा।
सवाल: तो वह कौन सा वक्त होगा, जिसका आप इंतजार कर रहे हैं।
– देखिए परिवर्तन संसार का नियम है और परिवर्तन यहां भी होगा। जब परिवर्तन होगा तो सिर्फ मेरे भाई ही नहीं बल्कि और भी बहुत सी सुनियोजित तरीके से हुईं अन्य मौतों के राज से भी पर्दा हटेगा।
सवाल: आपने जिक्र किया था कि बहुत सी मौतों के राज से पर्दा हटेगा। आप स्पष्ट करेंगे वह नाम कौन से हैं?
– आप क्यों इतनी पड़ताल कर रहे हैं भाई। बस आप यह समझिए कि जितने भी गलत तरीके से मारे गए हैं लोग। बस इतना समझ लीजिए कि उनका सियासी नुकसान शुरू हो चुका है। पिछले चुनावों में देख लिया गया था कि पूर्वांचल में जनपद के जनपद शून्य हो गए थे भाजपा के लिहाज से।
सवाल: क्या आपको लगता है कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूर्वांचल की सियासत बड़ी तेजी से करवट बदल चुकी है?
– मैं और मेरा पूरा परिवार सियासत में दशकों से हूं। मेरी उम्र 72 साल हो गई है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूर्वांचल की कई सीटों पर भाजपा का सूपड़ा साफ होने वाला है। मुख्तार अंसारी को पूर्वांचल के गरीब अपना मानते थे। इसमें मुस्लिम ही नहीं, नब्बे फीसदी से ज्यादा हिंदू आबादी भी शामिल है। जब यह वोट देने के लिए निकलेंगे, तो बड़ा परिवर्तन आएगा। पूर्वांचल की कम से कम 8 सीटों पर तो भाजपा साफ हो जाएगी।
सवाल: मुख्तार अंसारी के ऊपर तमाम गंभीर अपराधों के लगे हैं। कई राज्यों में मुख्तार अंसारी को माफिया सरगना के तौर पर देखा जाता है। अलग-अलग जगह पर चर्चाएं होती थीं उनके खौफ की। वैसी तस्वीर भी तो मुख्तार अंसारी की ही रही है।
– बीते दस सालों में यह माफिया, माफिया और माफिया की कहानी की चर्चाएं हो रही हैं। उनके ऊपर 90 फीसदी मामले तो जेल में रहने के दौरान दर्ज किए गए। उनको इंटर स्टेट (IS) सरगना 191 बताया गया। मैं तो पूछता हूं 191 के आगे-पीछे की संख्या वाले भी तो सरगनाओं का जिक्र किया जाए। आप लोग मुख्तार अंसारी की तो चर्चा करते हैं, लेकिन बाकी अन्य चर्चाएं आप क्यों नहीं करते हैं। दाऊद इब्राहिम के बहनोई की हत्या करने वाला आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा सुभाष ठाकुर बनारस की जेल के नाम पर कैसे रह रहा है। जाकर पता लगाइए आप। आप उसकी चर्चा तो नहीं करेंगे।
सवाल: आपके घर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहुंचे। इससे भी पूर्वांचल की सियासत गर्म हो गई।
– मेरा भतीजा समाजवादी पार्टी से विधायक है। मेरे बड़े भाई समाजवादी पार्टी से विधायक रहे हैं। मैं इस वक्त गाजीपुर से समाजवादी पार्टी का लोकसभा प्रत्याशी हूं। मेरे परिवार के गम में अखिलेश यादव मेरे घर पर आए हैं। इसमें सियासत के गर्म होने की बात कहां से आई। लेकिन, हां एक बात तय है कि इस बार का लोकसभा चुनाव पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि देश में बड़ी तेजी से बदल रहा है।
सवाल: आप तो गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं। चुनाव की तैयारी कैसी चल रही है आपकी?
– जबरदस्त अंडर करंट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तिलिस्म खत्म होने वाला है। अब देखिएगा इस बार जबरदस्त चमत्कार होगा। ये 400 सीटों की बात कर रहे हैं। लेकिन समीकरण पूरी तरीके से बदल चुके हैं। पूर्वांचल में तो हमारी पार्टी मजबूत तैयारी के साथ में है। यहां की 8 सीटों पर इस बार परिणाम बदले हुए मिलेंगे।