जब पहली बार अकेले मुंबई के सफर पर मैं निकली तो मेरी उम्र 42 साल थी। यहां ज्यादा किसी को जानती नहीं थी और मुझे लगा था कि ये मेरी पहली और आखिरी यात्रा होगी। मेरे दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके थे तो जिनसे भी मिलती उन्हें ये पुस्तकें भेंट करती।
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