नोटिस।
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में प्रतिदिन लाखों लीटर भू-गर्भ जल का दोहन कर रहीं कांच चूड़ी एवं अन्य श्रेणी की इकाईयां उद्योग एवं भूगर्भ संरक्षण विभाग में पंजीकरण कराने एवं दोहित जल की मात्रा का विवरण देने से कतरा रहीं हैं। भूगर्भ जल संरक्षण विभाग आगरा द्वारा 400 इकाईयों को नोटिस जारी कर पंजीकरण कराने की हिदायत दी थी। लेकिन अभी तक महज दो इकाईयों ने पंजीकरण कराया है।
जिले में कांच चूड़ी,ग्लास आयटम तैयार करने वाली माउथ ब्लोइंग इकाईयों में प्रतिदिन लाखों लीटर भूगर्भ जल का दोहन धड़ल्ले से किया जा रहा है। निजी समर्सिबल एवं पंपिग सैट के जरिए भूगर्भ जल का दोहन करने में जिले में संचालित शीतग्रह एवं अन्य श्रेणी की इकाईयां पीछे नहीं हैं।
वर्षों से प्रतिदिन लाखों लीटर भूगर्भ जल का दोहन कर रहीं करीब 400 इकाईयों को मार्च माह के अंतिम सप्ताह में भूगर्भ जल संरक्षण विभाग आगरा द्वारा नोटिस जारी किए थे। सभी को एक सप्ताह के भीतर प्रतिदिन दोहित जल का विवरण एवं विभागीय पंजीकरण कराने की हिदायत दी थी।
ताजा स्थिति के अनुसार अभी तक महज दो इकाईयों मार्गश्री ट्रेडिंग मिनी औद्योगिक आस्थान उसायनी एवं टि्वकल एक्सपोर्ट नामक दो इकाईयों ने ही भूगर्भ जल संरक्षण विभाग में अपने पंजीकरण कराए हैं।बाकी 398 इकाईयों ने अभी पंजीकरण कराने की सुध नहीं ली है। इस तरह की इकाईयों के विरूद्व भूगर्भ जल संरक्षण विभाग द्वारा सख्ती की तैयारी की जा रही है।
अफसर की बात…
फिरोजाबाद,टूंडला और नारखी के अलावा शिकोहाबाद ब्लॉक व नगरीय क्षेत्र में भूगर्भ जल का लेबिल अति दोहन के कारण चिंताजनक स्थिति में है। लेकिन इसके बाद भी औद्योगिक प्रयोग के लिए शहर की इकाईयां भूगर्भ जल का मनमाने तरीके से दोहन कर रहीं हैं। जिन इकाईयों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है। उन पर सख्ती बरती जाएगी। -राजकुमार सहायक अभियंता भूगर्भ जल संरक्षण विभाग, आगरा