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– फोटो : अमर उजाला
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पंजाब के जालंधर पुलिस ने 1984 के आतंकवाद के दौर में सक्रिय रहे आतंकी परमिंदर सिंह राणा को रविवार को आदमपुर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी खालिस्तानी कमांडो फोर्स (केसीएफ) के चीफ सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा का राइट हैंड है। कमिश्नरेट पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 57 साल के आतंकी राणा को गांव डींगरियां से दबोचा।
इससे पहले आतंकी को तब पकड़ा गया था, जब उसकी उम्र महज 17 साल की थी। राणा को उसी थाने की पुलिस ने पकड़ा, जिस थाने की पुलिस ने उसे पकड़ा था। आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।
राणा पर आतंकवाद के दौरान आठ केस दर्ज हुए थे। इनमें से एक यही केस पेंडिंग था। आतंकी राणा से 1984 में एक इटली में बनी स्टेन गन बरामद हुई थी। नाबालिग होने के कारण राणा को जमानत मिलते ही वह फरार हो गया था, जबकि पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में फाइल कर दी थी। कोर्ट ने 4 मई 1988 को राणा को भगोड़ा घोषित कर दिया था।
राजस्थान चला गया था परिवार
आदमपुर में रहने वाला परिवार 1988 के बाद अंडरग्राउंड हो गया था। राणा ने माना कि उसका परिवार उसे राजस्थान ले गया था। वहां पर जमीन खरीदकर खेती शुरू कर ली थी। राणा आतंकवाद के समय केसीएफ में काफी सक्रिय था। उक्त आतंकी संगठन ने आतंकवाद के समय में अपने नाम की टिकट तक जारी की हुई थी। इसके सरगना परमजीत सिंह पजवड़ की पाकिस्तान में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। चीफ सुक्खा सिपाही के एनकाउंटर के बाद उसने पंजाब से एक तरह से नाता तोड़कर राजस्थान में रहना शुरू कर दिया था। लंबे समय बाद वह गांव आया था। उसके काले अतीत को कम लोग ही जानते थे। वहीं, चीफ सुक्खा सिपाही ने 12 मई 1984 को पत्रकार रमेश चंद्र की नामदेव चौक में हत्या कर दी थी, जिसके बाद वह चर्चा में आया था।