Israel attack on Iran : हमले के बाद इजरायल ने भी अपना बदला लेने के लिए ईरान पर एयरस्ट्राइक कर दी. शुक्रवार सुबह इजरायल ने ताबड़तोड़ मिसाइलें दाग दीं. हालांकि, इसकी जिम्मेदारी इजरायल ने अभी तक नहीं ली है. इस हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. कई देश आपस में यह भी चर्चा कर रहे हैं कि कहीं ईरान और इजरायल हवाई युद्ध में उलझने तो नहीं जा रहे. अगर ऐसा होता भी है तो किस देश के पास हथियारों का कितना जखीरा है, कौन किस पर भारी है, इसको लेकर टाइम्स ऑफ इजरायल ने एक रिपोर्ट जारी की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी एयरफोर्स के पास केवल कुछ दर्जन स्ट्राइक जेट हैं, जिनमें 1979 में ईरानी क्रांति से पहले लिया गया रूसी जेट और पुराने अमेरिकी मॉडल के शामिल हैं. तेहरान के पास 9 एफ-4 और एफ-5 लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, रूसी निर्मित सुखोई-24 जेट का एक स्क्वाड्रन और कुछ मिग-29, एफ7 और एफ14 विमान हैं.
ईरान के पास हैं 3500 से ज्यादा मिसाइलें
ईरान के पास लक्ष्य पर उड़ान भरने और विस्फोट के लिए पायलट रहित विमान हैं. ईरान के ड्रोन की संख्या हजारों में है. सतह से सतह पर टारगेट हिट करने वाली 3,500 से अधिक मिसाइलें हैं, जिनमें से कुछ आधे टन के हथियार ले जा सकती हैं. दावा है कि इनमें ऐसी मिसाइलें बहुत कम हैं, जो इजरायल तक पहुंच सकें. तेहरान को 2016 में रूस से S-300 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम मिला था, जो लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली हैं. ये विमान और बैलिस्टिक मिसाइलों समेत कई लक्ष्यों को एक साथ भेद सकता है.
इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम है मजबूत
इजरायल के पास सैकड़ों F-15, F-16 और F-35 जेट लड़ाकू विमान हैं, इसके लिए अमेरिका ने बड़ी मदद की है. इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम बहुत मजबूत है. ईरान के 350 ड्रोन और मिसाइलों को उसने आसानी से मार गिराया था. इजरायल के पास हेरॉन पायलट रहित विमान हैं, जो 30 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने में सक्षम है. इजरायल ने लंबी दूरी की सतह से सतह पर टारगेट हिट करने वाली मिसाइलें भी बना ली हैं, लेकिन इसकी को पुष्टि नहीं करता है. इजरायल के पास प्रणाली एरो-3 है, जो अंतरिक्ष में बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकती है. एरो-2 भी है, जो कम ऊंचाई पर काम करता है एक्सपर्ट का भी कहना है कि इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने अच्छा प्रदर्शन किया. इजरायल ने पहुंचने से पहले ही ईरान के ड्रोन को मार गिराया.