नीरज शेखर
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पिता और पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर की राजनीतिक विरासत को संभालने के दौरान बलिया संसदीय सीट पर दो बार भाजपा को पटकनी देने वाले नीरज शेखर को भाजपा ने इस बार बलिया में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। नीरज को टिकट देकर भाजपा ने एक तीर से तीन निशाने साधने की कोशिश की है।
पार्टी ने मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर जहां एक ओर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को कम करने का प्रयास किया है तो वहीं दूसरी ओर नीरज पर दांव लगाकर राजपूत मतदाताओं के साथ-साथ पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को भी साथ लाने की कोशिश की गई है।
बलिया लोकसभा सभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे अधिक 15 फीसदी ब्राह्मण हैं। राजपूतों की संख्या 13 फीसदी और यादव 12 फीसदी हैं। इनके अलावा आठ फीसदी भूमिहार और 15.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।