विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो
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कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्तान समर्थित नारेबाजी पर भारत द्वारा सख्त विरोध दर्ज किया गया है। इसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया गया है।
भारत ने किया सख्त विरोध
आयोजन में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी को जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर भारत सरकार की तरफ से गहरी चिंता जताई गई और इसका कड़ा विरोध किया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह दर्शाता है कि कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह भी कहा गया कि इस तरह की अभिव्यक्तियां एक तरफ भारत और कनाडा के बीच संबंधों को प्रभावित करती हैं, तो दूसरी तरफ कनाडा में हिंसा और अपराध के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं।
पीएम ट्रूडो के सामने लगाए थे खालिस्तान समर्थित नारे
बता दें कि कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस मनाया गया, जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग एकत्र हुए थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ने कहा कि आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हम मौजूद हैं। इस बीच लोगों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए थे।
भारत और कनाडा के संबंधों में खटास
भारत और कनाडा के बीच संबंध उस वक्त से खराब होने शुरू हुआ थे, जब कनाडा में हुए एक हमले का जिम्मेदार भारत को ठहराया। 18 जून 2023 को भारत द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप सिंह को ब्रिटिश कोलंबिया में मार दिया गया था। पीएम ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इसमें भारत सरकार का हाथ है, हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई थी।