अलीगढ़ नगर निगम
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
अलीगढ़ नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बन रहे हैं। इसका खुलासा नगर निगम पार्षद की शिकायत पर नगर आयुक्त द्वारा कराई गई जांच में हुआ है। वार्ड नंबर 54 के पार्षद संजीव कुमार ने बताया कि प्रकरण के संबंध में आवेदक महिला ने उन्हें ताना मारते हुए कहा कि वह तो नहीं बनवा सके, लेकिन उसने तीन दिन में जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया। इधर, जांच में जब जन्म प्रमाण पत्र के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया तो उसका ब्योरा पोर्टल से गायब था। मामले में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र लिपिक की ओर से नगर आयुक्त के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। सहायक नगर आयुक्त को भी जांच सौंपी गई है।
यह प्रकरण दो दिन पहले नगर आयुक्त अमित आसेरी के सामने वार्ड 54 के पार्षद संजीव कुमार द्वारा लाया गया। उसी समय नगर आयुक्त ने सहायक नगर आयुक्त को जांच सौंपी। अभी जांच जारी थी। इसी बीच पार्षद 27 अप्रैल को नगर निगम से जारी हुआ जन्म प्रमाण पत्र लेकर 2 मई को नगर आयुक्त के पास पहुंच गए। पंजीकरण संख्या बी-2024:9-90593-005825 पर मंजू सक्सेना पुत्री राजेंद्र सक्सेना निवासी त्रिमूर्ति नगर सुरक्षा विहार के नाम से यह प्रमाण पत्र जारी है। जिसमें जन्म तिथि 1 अगस्त 1985 का भी उल्लेख है। देखने पर पाया कि यह प्रमाण पत्र आठ माह पहले तक यहां तैनात रहे जोन-1 के अधिकृत अधिकारी सीटीओ विनय कुमार राय के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी हुआ है। यह देख अधिकारी दंग रह गए। इस पर अंकित क्यूआर कोड को जब स्कैन किया तो पोर्टल से उसका ब्योरा गायब था।
बस इन्हीं दो बातों में साफ हो गया कि जारीकर्ता अधिकारी अब नगर निगम में नहीं हैं और ब्योरा पोर्टल से गायब है। मतलब, प्रमाण पत्र फर्जी है। इस पर तत्काल नगर आयुक्त ने सहायक नगर आयुक्त को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिस पर जोन-1 के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र लिपिक राजकुमार बंसल की ओर से सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी गई। जहां पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस ने मुकदमे की पुष्टि की है।