रात का गहरा अंधेरा और सुनसान हाईवे पर आग की लपटों से घिरी बस। बस में सवारों को बचाने के लिए आसपास के ग्रामीणों के साथ ही बस में से उतरे कुछ लोग मशक्कत करने में लगे थे। इसके बावजूद एसी बस का संकरा रास्ता इस बचाव कार्य को प्रभावित कर रहा था।
60 यात्रियों से भरी बस में हर किसी को अपनी जान बचाने की चिंता सताए थी। एक के ऊपर एक गिरते-पड़ते लोग खुद को बचाने की जद्दोजहद में थे। इस दौरान कुछ लोगों ने खिड़की के सहारे कूदने की प्रयास किया तो वह चोटिल हो गए।
इन्हीं सब के बीच मासूम जोविता उर्फ खुशी अपने नाना राकेश से गुहार लगा रही थी… मुझे बचा लो नाना। बदहवास नाना राकेश अपनी धेवती की इस चीखों को सुनकर तड़प रहे थे। उसे बचाने के हर संभव प्रयास कर रहे थे, लेकिन मासूम बस के अंदर ऐसी जगह फंसी थी जहां आग उसे चारों ओर से घेर चुकी थी। देखते ही देखते मासूम की चीखें भी आग की लपटों के ही शांत हो गईं।
कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर इस हादसे में अपने जवान बेटे पत्नी व 10 साल की धेवती को खोने वाले राकेश शर्मा मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को फफक-फफककर रोते हुए इस हादसे की जानकारी दे रहे थे। राकेश ने नम आंखों से बताया कि इस हादसे में उन्होंने अपने 33 साल के जवान बेटे व पत्नी व एक मासूम धेवती को खो दिया। उन्होंने अपने सामने अपनों को दम तोड़ते देखा है।
उनकी धेवती चिल्ला चिल्ला कर बचाने की गुहार लगा रही थी, लेकिन हम बचा नहीं पाए। इस हादसे को भुलाया नहीं जा सकता। इतना कहते ही राकेश फफक पड़ते हैं। राकेश ने बताया आज उन्होंने अपनी पत्नी शशि शर्मा, बेटे गौतम शर्मा व धेवती जोविता उर्फ खुशी को खो दिया।
बचाओ… बचाओ की आवाज देते हुए बेटी ने तोड़ा दम: सोनिया
राकेश की बेटी सोनिया उर्फ पिंकी अपनी बेटी खुशी भाई गौतम व मम्मी शशि की मौत की सूचना पर बार बार बेसुध हो रही थी। जैसे ही उसे सुध आती तो वह इस बात को कहते हुए कि मेरी बेटी खुशी बचाओ, बचाओ की आवाज देते हुए दम तोड़ गई। मैंने अपने जवान भाई को खो दिया।मम्मी का साया भी सिर से उठ गया। वो बार बार बेसुध हो रही थी।