इसरो चीफ एस सोमनाथ
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि इसरो का लक्ष्य अंतरिक्ष में इंसानों को भेजना और अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है। एस सोमनाथ रविवार को पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी स्थित एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी दौरान उन्होंने इसरो की भविष्य की योजनाओं पर बात की। इसरो चीफ ने कहा कि चंद्रयान मिशन सफल रहा और इस सफल मिशन के बाद से दुनिया हमारी तरफ देख रही है।
नई नीति से निजी क्षेत्र भी अंतरिक्ष में कर सकेगा काम
एस सोमनाथ ने कहा कि ‘हमने अंतरिक्ष कानून संशोधन का 2020 में एलान किया है। साथ ही सरकार ने नई भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 का भी एलान किया है। इसके बाद निजी कंपनियां और संस्थान साथ मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम कर पाएंगे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और इससे भी बढ़कर संस्थागत काम अंतरिक्ष के क्षेत्र में हो रहे हैं। हम भविष्य में अंतरिक्ष के क्षेत्र में क्या करना चाहते हैं, इसके लिए सरकार ने एक नया विजन दिया है।’
#WATCH | Siliguri: ISRO chief S Somanath says, “…Space Sector Reform was announced in 2020 and we have a new space policy 2023 by the government. This enables private companies and institutions to come into the space sector and work here. So, we are looking at substantial… pic.twitter.com/iwE9PIvgJD
— ANI (@ANI) May 19, 2024
इसरो चीफ ने कहा कि ‘यह सब बेहद रोमांचक है। हम अंतरिक्ष में इंसानी गतिविधियों के बारे में जान सकेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन भी बना सकेंगे। अंतरिक्ष क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी और इससे रोजगार, उद्योग और स्टार्टअप के अवसर बनेंगे। इसरो के अनुसार, सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, जिससे इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने का रास्ता खुल गया है। इन सुधारों के बाद, एक संपन्न अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलेगी।’