दीपदान के लिए घाटों पर बिक रहे चमकीली पन्नी वाले दोने
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गंगा घाटों पर दीपदान करने के लिए बिकने वाले कागज के दोने प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। इस दोने में एक पतली चमकीली पन्नी होती है, जो पानी में गलती नहीं है।
इन पन्नियों को मछली और गंगा में रहने वाले अन्य जलजीव खा रहे हैं, जो कि उनके लिए बेहद नुकसानदायक है। नमो घाट से अस्सी घाट के बीच घाटों पर करीब 400 लोग दीपदान के लिए दीया बेचते हैं।
चार महीने पहले जल पुलिस ने इन दोनों में दीया बेचने पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन फिर भी 50 प्रतिशत लोग इन दोने में दीया बेच रहे हैं। जल पुलिस का कहना है कि बेचने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं, जिनको बार-बार समझाया जाता है, लेकिन ध्यान नहीं देते हैं। जल पुलिस के अधिकारी ने बताया कि चार महीने पहले दक्षिण भारत की एक महिला ने जल पुलिस को इस बारे में अवगत कराया था।
विशेषज्ञ बोले
गंगा में प्रदूषण से उसमें रहने वाली जीव, जंतुओं को को नुकसान पहुंचता है। इस पन्नी पर कोई ध्यान नहीं देता। इस पर हम सभी को ध्यान देने की जरूरत है। प्रो. बीडी त्रिपाठी, नदी विशेषज्ञ, बीएचयू