रामकुंड स्थित पन्नालाल अखाड़ा।
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पर्यटन और संस्कृति की राजधानी काशी पारंपरिक कुश्ती के लिए भी जानी जाती है। यहां 100 से ज्यादा अखाड़े हैं। लक्सा क्षेत्र के रामकुंड मोहल्ला स्थित पन्नालाल अखाड़े से दो ओलंपियन कुश्ती खिलाड़ी निकले हैं। इस अखाड़े का संबंध अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद से है। यहां चंद्रशेखर आजाद कुश्ती का अभ्यास करते थे। उनकी स्मृतियां यहां सहेज कर रखी हैं।
अखाड़े की देखभाल करने वाले विनोद कनौजिया ने बताया कि यहां से निकले तीन पहलवानों ने 1880 में तीन अखाड़ों की स्थापना की। इसमें जग्गू सेठ ने घुघुरानी गली, पंडाजी ने बांसफाटक और राम सिंह ने बेनियाबाग में अखाड़ा बनाकर कुश्ती प्रतियोगिता शुरू कराई। उन्होंने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद बाद महामना पंडित मदन मोहन मालवीय रामकुंड आए थे।
उन्होंने पन्नालाल से बीएचयू के छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने उम्र कहा हवाला देते हुए राम सेवक पहलवान को नामित किया। राम सेवक पहलवान ने बीएचयू परिसर स्थित शिवाजी हॉल में छात्रों को कुश्ती का प्रशिक्षण देने लगे। इस अखाड़े का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष सितंबर माह नवरात्र के तीसरे दिन मनाया जाता है। गोस्वामी तुलसी दास ने काशी में युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तुलसी घाट पर अखाड़े की स्थापना करीब 450 वर्ष पूर्व की थी। दस वर्ष पहले इस अखाड़े में महिला खिलाड़ियों को प्रवेश दिया गया। यहां प्रतिदिन 40 महिला पुरुष खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।