नई दिल्ली. फिल्ममेकर पहलाज निहलानी 2015 से लेकर 2017 तक सेंट्रल ब्यूरो ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के चेयरपर्सन रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने कार्यकाल को लेकर खुलकर बात की है. पहलाज निहलानी ने आरोप लगाया कि उनसे पहले शर्मिला टैगोर सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष थीं और उन्होंने एक फिल्म को बिना किसी कट के पास कर दिया था क्योंकि वो उनके बेटे सैफ अली खान की फिल्म थी.
सीबीएफसी अध्यक्ष के तौर पर पहलाज निहलानी का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा. उनके नेतृत्व में सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में लगभग 100 कट लगाने का सुझाव दिया था. सिद्धार्थ कन्नन को दिए इंटरव्यू में पहलाज निहलानी ने बताया, ‘मैंने खुद पर कभी भी सरकार का दबाव आने नहीं दिया. मैंने सिर्फ मेरिट के आधार पर फिल्में पास कीं. वे नहीं चाहते थे कि ‘उड़ता पंजाब’ टाइटल पास किया जाए और फिर मैंने इस्तीफा देने की धमकी दी थी. मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैंने पूरी ईमानदारी से अपना काम किया. आज तक लोग सीबीएफसी में मेरे काम की सराहना करते हैं.’
पहलाज निहलानी ने शर्मिला टैगोर पर लगाया आरोप
पहलाज निहलानी ने कहा, ‘शर्मिला टैगोर के कार्यकाल में सैफ अली खान की एक फिल्म आई थी ओमकारा. उस दौरान वो फिल्म पास हो गई थी. ओमकारा इसलिए पास हुई थी क्योंकि इसमें शर्मिला टैगोर के बेटे सैफ अली खान थे. बोर्ड के लोगों ने कुछ फिल्मों को बिना किसी कट के पास करने के लिए रिश्वत ली थी. उस दौरान गाइडलाइंस को फॉलो नहीं किया गया था. मैंने अपने कार्यकाल में सिर्फ यह सुनिश्चित किया कि नियमों का पालन किया जाए.’
ट्रेलर में सेंसर से सहमत थे शाहरुख खान
इसके अलावा पहलाज निहलानी ने शाहरुख खान की ‘जब हैरी मेट सेजल’ के ट्रेलर में इंटरकोर्स शब्द को सेंसर किए जाने पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘मैंने शाहरुख खान से इस बारे में बात की थी और उन्होंने खुद कहा कि इसे काट दो. मैंने उनसे कहा कि दूसरा वर्जन भेजिए तो उन्होंने बोला कि ठीक है, इसे काट दो. वह इससे सहमत थे. वैसे भी उनकी फिल्मों में अश्लीलता नहीं होती है.’
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FIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 08:29 IST