मध्य इस्राइल के रामला शहर में नित्ज़ान-मेगन जेल
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हमास और इस्राइल बीते सात महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, इस्राइल के शीर्ष सेना के अधिकारी ने सात अक्तूबर को पकड़े गए हमास आतंकवादियों की स्थिती जांचने के लिए एक सलाहकार समिति नियुक्त की है। इसकी जानकारी इस्राइली सेना ने मंगलवार को दी।
इस रिपोर्ट पर लिया संज्ञान
बता दें, समिति की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है, जब मई माह के बीच में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें इस्राइल पर आरोप लगाए गए थे कि गाजा में हिरासत में लिए गए हमास आतंकवादियों को यातनाएं दी गईं और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इस रिपोर्ट के बाद ही इस्राइली सेना (आईडीएफ) के चीफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने समिति की नियुक्ति की है।
यह है प्रक्रिया
गाजा में हिरासत में लिए गए आतंकी संदिग्धों को इस्राइल की जेल में भेजने से पहले आईडीएफ के एसडी तेमन, अनातोत और ओफर ठिकानों पर भेजा जाता है। इस्राइली सेना ने कहा कि हालांकि हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या अधिक होने के कारण कईयों को आईडीएफ की हिरासत सुविधाओं (IDF detention facilities) में कुछ अधिक समय के लिए रखा गया था। इस बीच, इन सुविधाओं के बारे में सवाल खड़े किए गए।
अबतक इतने लोग मारे गए
युद्ध शुरू होने के बाद से फलस्तीन के 35,984 लोग मारे गए हैं और 80,643 अन्य घायल हुए हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि आईडीएफ ने गाजा पट्टी में आठ नरसंहार किए। इसमें आगे कहा गया है कि कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं या सड़कों पर हैं। इसलिए एंबुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल उन तक नहीं पहुंच सकते। वहीं, गाजा में करीब 2300 आतंकवादी संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, हमास के हमलों में इस्राइल के कम से कम 12 सौ लोग मारे गए और 252 इस्राइलियों को बंधक बना लिया था।
इतने लोग करेंगे जांच
इस्राइली सेना ने बताया कि पांच व्यक्तियों की समिति हिरासत केंद्रों की स्थितियों की जांच करेगी। साथ ही यह आकलन करेगी क्या वे अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप हैं और तीन सप्ताह के भीतर सिफारिशें प्रस्तुत करेंगी।