लखनऊः मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने गोमती नगर स्थित होटल हयात में यूपी रिन्यूवेबल एण्ड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा ‘ईवी चार्जिंग वे अहेड’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। वर्कशॉप में भारत सरकार, राज्य सरकार एवं प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। जिस अनुपात में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, उसी अनुपात में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने होंगे। भारत का वर्ष 2070 से पूर्व नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य पूरा करना है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केन्द्र बने इसके लिये सरकार पूरा प्रयास कर रही है। पर्यावरण के लिये जरूरी भी है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाये। सरकार इसके लिये सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दे रही है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में अशोक लेलैन्ड इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण हेतु कारखाना लगा रही है, जहां दो वर्षो में उत्पादन प्रारम्भ हो जाने की सम्भावना है। इसी तरह टाटा मोटर का भी यहॉ कारखाना स्थापित है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं उनकी चार्जिंग हेतु एक सुव्यवस्थित ढ़ाचा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, जिससे प्रदेश आगामी वर्षों में निर्धारित इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं प्रोत्साहन के लक्ष्य को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश ने विकास के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण और सबसे अच्छा कार्य किया है। आज इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के क्षेत्र में भी प्रदेश में तेजी के साथ कार्य हो रहा है। आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु एक नई कम्पनी उत्तर प्रदेश रिन्यूवेबल एंड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपीरेव) का गठन किया गया है। आने वाले समय में यूपीरेव प्रदेश में ऐसा चार्जिंग इको सिस्टम बनायेगी, जिससे चार्जिंग का एक नेटवर्क प्रदेश में बनेगा। आज का वर्कशॉप भी इसी दिशा में एक कदम है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
उन्होंने कहा कि वाहन में पेट्रोल व डीजल कुछ मिनट में भर जाता है, लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग में वक्त लगता है। ऐसे में चार्जिंग सेण्टर पर कैफे, मनोरंजन, बैठने व आराम करने के लिये स्थान होना चाहिये। हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर भी प्रत्येक 25 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था बनानी होगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया गया है, जिससे वहॉ प्रदूषण न हो। 2030 तक प्रदेश में तीस प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन बनाना है। इसलिये 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये एक पॉलिसी लायी गयी है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी का प्राविधान किया गया है।
वर्कशॉप में 6 सत्र आयोजित किये गये। जिसमें देशभर के ख्याति प्राप्त इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। इस वर्कशॉप का आयोजन उ0प्र0 पावर कारपोरेशन, यू0पी0 रिन्यूवेबिल एण्ड ई0वी0 इन्फ्रास्ट्रिक्चर, यू0पी0 नेडा, बी0ई0ई0 तथा इण्डिया स्मार्ट ग्रिड फोरम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भारत के जी 20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, यूपीपीसीएल के चेयरमेन डॉ0 आशीष कुमार गोयल, यूपीपीसीएल के एमडी श्री पंकज कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।