कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
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अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा विभाग का प्रोन्नत वेतनमान सूची के मामले में नया कारनामा सामने आया है। हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले ही प्रोन्नत सूची बना दी है। दूसरी सूची में आठ में से सात नए शिक्षक शामिल किए गए हैं। पहले 13 शिक्षकों की सूची बनी थी, जिनमें 12 शिक्षकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं।
प्रोन्नत वेतनमान सूची से बाहर होने पर एक शिक्षिका ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। इस मामले में 29 मई सुनवाई को होगी। 27 फरवरी 2024 को पहले प्रोन्नत वेतनमान सूची में चोब सिंह (सेवानिवृत्त), गजाला नसरीन, मंजू शर्मा, मनोज कुमार गौड़, शिवकुमार भारद्वाज, सहाब सिंह, रमेश पाल, गजराज सिंह, विजय कुमार, रामदेव, शकील बाबू, पंकज शर्मा, इंद्रा देवी शामिल थीं।
27 मई 2024 को दूसरी सूची में गजाला नसरीन, तनवीर फातिमा, तरन्नुम सरफराज, सत्येंद्र पाल सिंह, मीना कुमारी, सुकुमारी, वीरपाल सिंह, रजा फातिमा का नाम है। शिक्षा विभाग ने प्रोन्नत वेतनमान के लिए सूची बनानी शुरू कर दी। 74 में से 65 शिक्षक पात्र माने गए। इनमें 13 शिक्षकों को वेतनमान सूची में शामिल किया गया, लेकिन तरन्नुम सरफराज का नाम शामिल नहीं किया था।
यह खबर अमर उजाला ने 24 मई को प्रमुखता से छापी थी। वह प्रोन्नत वेतनमान के लिए खुद को पात्र मान रहीं थी। उन्होंने विभाग को वेतनमान के लिए जो जरूरी कागज थे, सभी दे दिए थे। मगर, उनकी एक भी नहीं सुनी जा रही थी। आखिरकार उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट में 29 मई को सुनवाई होगी।
प्रोन्नत वेतनमान सूची में अनियमितता को लेकर उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने आवाज उठाई थी और शिक्षिका तरन्नुम सरफराज के पक्ष में खड़ा था। जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद व जिला मंत्री मुकेश कुमार गहराना ने कहा कि यह न्याय की जीत हुई है।