सांकेतिक तस्वीर
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कानपुर में भैरोघाट और भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में शनिवार को 18 अंतिम संस्कार हुए। कोरोना काल के बाद एक दिन में अंतिम संस्कार की यह सबसे बड़ी संख्या है। लगातार मौतों को देखते हुए दोनों शवदाह गृहों के खुलने का समय भी बढ़ा दिया गया है। अब ये सुबह 8:00 बजे 12 घंटे खुलेंगे। पहले सुबह 10 से पांच बजे तक खुलते थे।
नगर निगम के मुख्य अभियंता (विद्युत यांत्रिक) आरके पाल ने दोनों विद्युत शवदाह गृहों का निरीक्षण किया। कर्मचारियों को निर्देश दिए कि रात 8:00 बजे तक शवों का अंतिम संस्कार किया जाए। अज्ञात शवों की तुलना में उन शवों का अंतिम संस्कार प्राथमिकता पर करने को कहा गया, जिन्हें परिजन लेकर पहुंचते हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि 28 मई से विद्युत शवदाह गृहों में आने वाले शवों की संख्या दोगुना से भी ज्यादा हो गई है। दोनों विद्युत शवदाह गृहों के आंकड़ों के अनुसार 25 मई से पहले रोजाना औसतन पांच शवों का अंतिम संस्कार होता था। अब यह संख्या बढ़ने लगी है। 26 को 10 तो एक जून को 18 अंतिम संस्कार हुए।
1100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर होता है अंतिम संस्कार
विद्युत शवदाह गृहों के प्रभारी कमरुद्दीन ने बताया कि इनमें लगी भट्ठियों का सामान्य तापमान दिन-रात 650 डिग्री सेल्सियस रखा जाता है। जिस समय भट्ठी में शव भेजकर चैनल (गेट) बंद किया जाता है, तब तापमान बढ़ाकर 1100 डिग्री सेल्सियस तक कर दिया जाता है। एक शव के अंतिम संस्कार में एक से डेढ़ घंटा लगता है।