सतीश गौतम को अलीगढ़ से जीत का प्रमाण पत्र देते डीएम विशाख जी
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भाजपा के उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के बावजूद अलीगढ़ में भाजपा ने जीत दर्ज करके 2019 का प्रदर्शन दोहराया है। अलबत्ता, स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नाराजगी और असहयोग का नुकसान सांसद सतीश गौतम को उठाना पड़ा है। पिछली बार उनकी जीत का अंतर ढाई लाख से ज्यादा था। इस बार वह कड़े मुकाबले के बावजूद जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे हैं। सपा के चौधरी बिजेंद्र सिंह ने मतगणना के आखिरी दौर तक कांटे का मुकाबला किया। सतीश गौतम ने बिजेंद्र सिंह को 15647 मतों से हरा दिया। सतीश गौतम को 501834 तो बिजेंद्र सिंह को 486187 वोट मिले।
मतगणना के अंतिम दौर में सपा प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह ने शहर और अतरौली विधानसाओं के 3-3 राउंड में गड़बड़ी को लेकर आपत्ति लगा दी थी। जिससे मतगणना रूक गई थी। उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया गया और फिर मतगणना शुरू हो गई। भाजपा के सतीश गौतम ने सपा के बिजेंद्र सिंह को 5647 मतों से हराया। सतीश गौतम को 501834 तो बिजेंद्र सिंह को 486187 वोट मिले। बसपा के हितेंद्र उपाध्याय को 123929 वोट मिले। डीएम विशाख जी ने सतीश गौतम को जीत का प्रमाणपत्र प्रदान किया।
दो बार के सांसद सतीश गौतम के प्रति चौतरफा नाराजगी की बात कही जा रही थी। 2019 के चुनाव में सतीश गौतम ढाई लाख से भी ज्यादा मतों से जीते थे। इस बार उनकी जीत का अंतर बेहद कम रहा। उम्मीद है कि भाजपा जब उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी तो अलीगढ़ में पार्टी के उम्मीदवार सतीश गौतम का प्रदर्शन भी उसमें शामिल होगा। उनके प्रति लोगों की नाराजगी के अलावा पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों का रवैया और असहयोग भी उसमें शामिल होगा।