हेड कांस्टेबल अवधेश रावत की फाइल फोटो
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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बृहस्पतिवार को हेड कांस्टेबल की अचानक तबीयत बिगड़ गई। कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। खबर मिली तो घर में चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए। मौजूद लोग परेशान परिजन को ढांढस बंधाते रहे।
मामला घिरोर थाने का है। यहां अवधेश रावत हेड कांस्टेबल के रूप में तैनात थे। वह मूल रूप से आगरा जिले के सैंया थाना क्षेत्र के नगला तेज के रहने वाले थे। सुबह वह अपने आवास पर थे। उनके साले ने थाने में सूचना दी कि अवधेश की तबीयत बिगड़ गई है। वह बोल नहीं पा रहे हैं।
जानकारी मिलने पर एसआई मां प्रताप सिंह, कांस्टेबल विजय कुमार उनके आवास पहुंचे। इसके बाद उन्हें लेकर सीएचसी पहुंचे। यहां पर हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पीजीआई सैफई के लिए रेफर कर दिया। सैफई लेकर पहुंचे तो यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
छोटे बच्चे के जन्मदिन पर भी हुआ था सीने में दर्द
अवधेश अपने आवास पर पत्नी स्वेता, साला प्रदीप कुमार, पत्नी की नानी गुड्डी देवी और चार बच्चों के साथ रहते थे। इसमें पुत्र अंश (11), पुत्री अन्नू (10), जान्हवी (5) और सबसे छोटा पुत्र प्रत्यूष (1 वर्ष) है। 29 मई को प्रत्यूष का जन्मदिन था। उसी दिन सीने में दर्द हुआ था। कस्बा स्थित अस्पताल से दवा लेने के बाद आराम मिल गया था।
काउंटिंग में ड्यूटी कर दूसरे दिन क्षेत्र में बांटे थे तामील
मतदान काउंटिंग में ड्यूटी करने के उपरांत बुधवार को घिरोर थाना क्षेत्र के कई गांव में लोगों के वारंट तामील करने गए थे। बुधवार शाम को घर लौटकर खाना खाने के बाद कमरे में लेट गए थे। सुबह उठने के बाद तबीयत खराब हो गई। सैफई में उपचार के दौरान मौत हो गई।