कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालतें जमानत देते समय ऐसी शर्तें न लगाएं कि अभियुक्त रिहा ही न हो सके। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने बीरू कुमार की जमानत अर्जी में दाखिल संशोधन अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। अदालत ने देवरिया निवासी याची को 18 मई 23 को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
इस दौरान यह जमानत में यह शर्त थी कि दो प्रतिभूतियों में से एक परिवार का सदस्य हो। याची के परिवार का कोई भी सदस्य उत्तर प्रदेश में नहीं है। ऐसे में याची एक साल से जेल में बंद है। इस पर कोर्ट ने अरविंद सिंह केस का हवाला दिया। कहा कि ट्रायल कोर्ट देवरिया व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का दायित्व है कि अभियुक्त एक हफ्ते तक रिहा नहीं होता तो आदेश संशोधित करने की अर्जी दें,ताकि रिहाई हो सके। कोर्ट ने याची के परिवार के सदस्य की प्रतिभूति की शर्त वापस ले ली है।