काली नदी
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गंगा-यमुना के दोआब में बसे अलीगढ़ में कभी दस नदियां थीं, जिसमें पांच विलुप्त हो चुकी हैं। गंगा-यमुना को मिलाकर जिले में कुल दस नदियां थीं। प्रदूषण व अतिक्रमण से पांच नदियां विलुप्त हो गईं। सबसे चिंताजनक हालत काली नदी की है। इसमें ऑक्सीजन की मात्रा शून्य है। इससे आसपास के गांवों का भूजल भी दूषित होने लगा है। नमामि गंगे योजना में उम्मीद थी कि योजना धरातल पर आएगी और कुछ कार्य होगा तो नदियां जरूर जीवित होंगी, मगर ऐसा नहीं हो सका।
- ये थीं नदियां -गंगा, यमुना, करबन, सेंगर, छोइया, नीम, रुतबा, सिरसा, बड़गंगा व काली नदी
- ये विलुप्त हुईं नदियां-बड़गंगा, सिरसा, रुतबा, सेंगर व छोइया नदी अब विलुप्त हो चुकी हैं
कुछ दशक पहले तक जिले में दस नदियां बहती थीं। इसमें गंगा, यमुना, सेंगर, छोइया, नीम, रुतबा, सिरसा, बड़गंगा, रद व काली नदी शामिल थीं। गंगा, यमुना, काली नदी को छोड़कर शेष नदियां विलुप्त हो चुकी हैं। नदियों को प्रदूषण से बचाना है तो शहरों के सीवर व नालों का पानी नदियों में जाने से रोकना होगा। गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करना होगा। नदियों के किनारे बड़ी संख्या में पौधरोपण होना चाहिए।-सुबोध नंदन शर्मा
काली नदी की स्थिति काफी खराब है। नदी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर शिकंजा कसा जाएगा।- राधेश्याम, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड