नई दिल्ली: एआर रहमान ने एल्बम ‘अमर सिंह चमकीला’ के लिए काफी प्रशंसा बटोरी. संगीतकार एआर रहमान ने एक वाकया याद किया जब उन्हें पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का सामना करना पड़ा था. रहमान ने आईएएनएस को एक बेहद निजी किस्सा शेयर करते हुए बताया कि संगीतकार बनने से पहले 1986-1987 के आसपास की बात है, जब वह एक फिल्म के लिए संगीत पर काम कर रहे थे, तभी उनकी बहन गंभीर रूप से बीमार पड़ गई और रहमान को एक टाइट डेडलाइन में स्टूडियो में काम करना पड़ा.
एआर रहमान ने आईएएनएस को बताया, ‘यह 1986 या 1987 की बात है, जब मैं पहली बार किसी फिल्म के लिए संगीत बनाने पर काम कर रहा था. मेरी एक बहन गंभीर रूप से बीमार पड़ गई. मेरे निर्माता के पास बजट की समस्या थी और मुझे शाम 5 बजे तक प्रोजेक्ट खत्म करना था और मेरी मां ने मुझे फोन कर बहन की बीमारी के बारे में बताया.’
एआर रहमान जब बहन से मिलने पहुंचे अस्पताल
फिल्म के टाइटल के बारे में पूछे जाने पर रहमान ने कहा कि उन्हें ठीक से याद नहीं है. इस बात को लगभग 40 साल हो गए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा, मेरी मां वास्तव में समझदार है, वह स्थिति को संभाल लेगी. मैंने कहा बस कुछ घंटे और, मुझे काम खत्म करने दो.’ संगीतकार ने कहा कि वह अपना काम पूरा करके अपनी बहन से मिलने सीधे अस्पताल गए. उन्होंने कहा, ‘भगवान का शुक्र है, वह ठीक थी.’
मन न भी हो, तो भी काम को पूरा करें
रहमान ने अपने अनुभव से एक सबक सीखा. उन्होंने कहा, ‘एक कलाकार के रूप में, आप हमेशा ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं जब आप काम में आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं होते, मगर आपको आगे बढ़ना पड़ता है.’ संगीतकार ने आगे कहा, ‘कभी-कभी आप एक खुशनुमा गीत पर काम कर रहे होते हैं, लेकिन आपकी मनःस्थिति बहुत उदास हो सकती है और कभी आप बहुत खुश होते हैं लेकिन आपको किसी दुख भरे गाने पर काम करना होता है. आपको अपने दिमाग को अलग-अलग हिस्सों में बांटना होगा और काम को पूरा करना होगा.’
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FIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 24:50 IST