Shani Dev: सूर्य पुत्र शनि देव महाराज को न्याय का देवता कहा जाता है. माना जाता है लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल प्रदान करने वाले देवता है शनि देव (Shani Dev).
मनुष्य अपने जीवन जो भी कार्य करता है उन सभी कार्यों पर शनि देव (Shani Dev) की नजर रहती है. इसीलिए शनि देव (Shani Dev)को कर्म का देवता कहते है, अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल की प्राप्ति होती है वहीं बुरे कर्म करने वालों को शनि दोष (Shani Dosh) का सामना करना पड़ता है.
शनि देव (Shani Dev) सूर्य देव (Surya Dev) और माता छाया के पुत्र हैं. वहीं मृत्यु के देवता यम (Yam) उनके भाई हैं. शनि देव (Shani Dev) कर्मों के देवता हैं वहीं यम मृत्यु के बाद के निर्णय लेते हैं.शनि देव को क्रूर ग्रह का श्राप उनकी पत्नी से प्राप्त हुआ था. शनि देव (Shani Dev) की सवारी कौआ है.
क्यों कहते हैं शनि देव को न्याय का देवता?
एक बार शनि देव (Shani Dev) और भोलेनाथ (Bholenaath) के बीच युद्ध हुआ. जिसमें शिव जी (Shiv Ji) ने शनि देव (Shani Dev) को हरा दिया, युद्ध के बाद शनि देव के पिता सूर्य देव ने शिव जी से माफी मांगी. लेकिन भोलेनाथ पर शनि देव (Shani Dev) की शक्ति और हिम्मत का अधिक प्रभाव पड़ा, और वो बहुत ज्यादा प्रभावित हुए. इसी वजह से शिव जी (Shiv Ji) ने शनि देव (Shani Dev) को दण्डाधिकारी नियुक्त किया. तब से शनि देव (Shani Dev) न्याय के देवता बन गए और लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करने लगें और न्यायप्रिय देवता कहलाएं.
भोलेनाथ और शनि देव की यह कथा इस बात का प्रतीक है कि शनि देव (Shani Dev) की भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें पुरस्कार और दंड वितरित करने के लिए न्याय का देवता बनाया.
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