फिच रेटिंग्स एजेंसी ने भारत की आर्थिक दर को अनुमान को बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। फिच ने उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए यह अनुमान लगाया है।
जीडीपी में वृद्धि से अर्थशास्त्री उत्साहित
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फिच रेटिंग्स ने उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। यह आरबीआई के अनुमान के अनुरूप है, जिसने इस महीने की शुरुआत में ग्रामीण मांग में सुधार और महंगाई में नरमी के कारण 7.2 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जताया था। फिच ने इस साल मार्च में विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। एजेंसी ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.5 फीसदी और 2026-27 में 6.2 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी।
रेपो दर: 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है आरबीआई
फिच रेटिंग्स ने कहा, चालू वित्त वर्ष के अंत तक खुदरा महंगाई दर घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर आ सकती है। इससे आरबीआई ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर इसे 6.25 फीसदी पर ला सकता है। महंगाई 2025 और 2026 में औसतन 4.3 फीसदी पर रह सकती है, जो आरबीआई के तय लक्ष्य से थोड़ा ऊपर है।
एडीबी ने सात फीसदी का लगाया है अनुमान
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने इससे पहले भारतीय जीडीपी के 7 फीसदी के रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया था। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स और मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रह सकती है। मूडीज को उम्मीद है कि विकास दर 6.6 फीसदी रह सकती है। देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 8.2 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी थी। वहीं, मार्च तिमाही में विकास दर 7.8 फीसदी के स्तर पर रही थी।