क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
प्रोफेसर माइकल बार्टल कहते हैं, हम प्रयोगशाला में सेरेब्रल स्पाइनल फ्लूइड का उपयोग करके पार्किंसंस बायोमार्कर की खोज करने पर काम कर रहे हैं, लेकिन हमने पाया कि यह काफी चुनौतीपूर्ण है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हम सीरम से कुछ बायोमार्कर खोज रहे हैं। बायोमार्करों की मदद से भविष्य में पार्किंसंस जैसे रोग के खतरे को पहचानने में मदद मिल सकती है।
समय पर लक्षणों का पता चल जाए और इसका इलाज हो जाए तो रोग की गंभीरता कम करने में मदद मिल सकती है।
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स्रोत और संदर्भ
Plasma proteomics identify biomarkers predicting Parkinson’s disease up to 7 years before symptom onset
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