वैसे तो पूरे साल में 24 एकादशी और अधिकमास होने पर 26 एकादशी व्रत रखे जाते हैं. लेकिन आषाढ़ माह (Ashadha Month) में पड़ने वाली एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. क्योंकि एकादशी व्रत और आषाढ़ का महीना दोनों भगवान विष्णु को अतिप्रिय है.
आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन लक्ष्मीनारायण (Laxminarayan) की पूजा की जाती है. इस वर्ष योगिनी एकादशी का व्रत मंगलवार, 02 जुलाई 2024 को रखा जाएगा.
बता दें कि 2 जुलाई को योगिनी एकादशी पर पूजा के लिए सुबह 8 बजकर 56 मिनट से दोपहर 2 बजकर 10 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. वहीं पारण (Yogini Ekadashi Paran time) अगले दिन यानी 3 जुलाई 2024 को किया जाएगा. पारण के लिए समय सुबह 05:28 से 07:10 मिनट तक रहेगा.
योगिनी एकादशी निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के बाद और देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) के पहले आती है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी के व्रत से समस्त पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और मरणोपरांत श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है. कहा जाता है कि योगिनी एकादशी के व्रत से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना फल मिलता है.
योगिनी एकादशी पर नियमपूर्वक व्रत रखें. सुबह उठने के बाद पूजा-पाठ करें और पीपल वृक्ष की भी पूजा करें. पूजा में योगिनी एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें और फिर आरती करें. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने या दान-दक्षिणा देने के बाद ही व्रत का पारण करें.
योगिनी एकादशी पर व्रत नियमों का पालन जरूर करें. इस दिन तुलसी में जल न चढ़ाएं और ना ही तुलसी को स्पर्श करें. एकादशी पर चावल, बैंगन, लहसुन-प्याज और मांस-मदिरा का भी सेवन न करें. साथ ही बाल-दाढ़ी और नाखून भी न काटे.
Published at : 24 Jun 2024 03:19 PM (IST)
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