मेधावियों को सम्मानित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ के लोकभवन में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह कार्यक्रम में 88 लाख बच्चों के लिए 1056 करोड़ की राशि जारी की। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे अभिभावकों के खाते में चली गई। इसके तहत हर बच्चे को 1200 रुपये दिए गए।
इस मौके पर सीएम ने मेधावियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्र छात्राओं को एक, एक लाख रुपए, टैबलेट और गोल्ड मेडल प्रदान किया और कहा कि खूब मेहनत से पढ़ाई करो। उन्होंने कक्षा एक, दो के बच्चों को किताबें दी और उनके लिए चॉकलेट मंगवाने का निर्देश दिया। उन्होंने बच्चों से नाम, पता और स्कूल के बारे में पूछा और कहा कि अभी आप सभी को चॉकलेट मिलेगी। पहली बार प्रदेश में कक्षा एक और दो में एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम पर किताबों का वितरण किया गया है।
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सात साल में हर विद्यालय तक योजनाओं को पहुंचाया
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि किसी भी समाज के उत्थान और सर्वांगीण विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। बिना शिक्षा के विकसित समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। सरकार ने सर्व समाज को शिक्षित करने का काम किया है। पिछले सात साल में हर विद्यालय तक योजनाएं पहुंचाई हैं।
परिषदीय विद्यालयों में 2017 की स्थिति में आज जमीन आसमान का अंतर आया है। 95 प्रतिशत तक सभी मूलभूत 19 पैरामीटर को पहुंचाया है। जल्द ही 100 प्रतिशत पूरा करेंगे। आज का युग तकनीक का है। इससे बच्चों को दूर नहीं रख सकते। 2.9 लाख विद्यालय को दो-दो टैबलेट दिया है। 880 आईसीटी लैब, 18381 परिषदीय, उच्च और कस्तूरबा विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की है। आज 88 लाख छात्रों को पहले चरण में 1200 रुपए की राशि जारी की गई। दूसरे चरण में बचे छात्रों को भी जुलाई में यह राशि भेजेंगे।
लाखों बच्चों में टॉप करना आसान नहीं है
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) गुलाब देवी ने कहा कि लाखों छात्रों में टॉप करना आसान काम नहीं है। यह कामना है कि आप सभी योग्य नागरिक बनकर देश की सेवा में अपना योगदान करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सफलता के नए कीर्तिमान बना रहा है। इस साल भी बोर्ड परीक्षा नकलविहीन और शुचितापूर्ण रही है। 12 दिन में परीक्षा हुई, न पेपर लीक, न कोई गड़बड़ी हुई। 280 नए राजकीय इंटर, हाईस्कूल विद्यालय आदि खोले गए। असेवित क्षेत्र में भी विद्यालय खोले।
शिक्षक चयन में 6314 सहायक अध्यापक, 1890 प्रवक्ता और 230 प्रधानाचार्य नियुक्त हुए हैं। 16 राजकीय माध्यमिक विद्यालय निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इसमें 5 आवासीय हैं। प्रधानमंत्री के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए हम सब काम कर रहे हैं। हमारे विद्यार्थी अन्य प्रदेश में भी जा रहे हैं। 50 महापुरुषों की जीवनगाथा को अनिवार्य विषय बनाया गया है। माध्यमिक विद्यालय में भी कौशल विकास के लिए प्रवीण योजना शुरू की गई है। उन्होंने मेधावियों से कहा कि बच्चों जीवन में तीन चीजें सबसे महत्वपूर्ण हैं पहला प्रभु का स्मरण, दूसरा परिश्रम और तीसरा किस्मत। परिश्रम से आपकी किस्मत बनती है। निरंतरता रखेंगे, तैयारी करेंगे तो प्रभु की आप पर कृपा बरसेगी।