नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (फाइल)
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बीते 16 साल में नेपाल में 13 सरकारें बन चुकी हैं। राजनीतिक रूप से अस्थिर इस देश में एक बार फिर प्रधानमंत्री की विदाई की अटकलें लगाई जा रही हैं। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल की बैठक के बाद ऐसा माना जा रहा है कि पीएम प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार कुछ ही दिनों में विदा हो जाएगी। खबरों के मुताबिक नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। शनिवार को दोनों के बीच देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। खास बात यह है की ओली का राजनीतिक दल- नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
मौजूदा गठबंधन सरकार का कार्यकाल पूरा होगा
खबरों के मुताबिक बंद कमरे में हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है कि देउबा और ओली के बीच प्रधानमंत्री प्रचंड को हटाने के लिए नई गठबंधन सरकार पर चर्चा हुई होगी। हालांकि, प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सूत्रों ने ‘सत्ता में बदलाव की अफवाहों’ को खारिज कर दिया है। प्रचंड के करीबी सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के दो शीर्ष नेता सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली मौजूदा गठबंधन सरकार का कार्यकाल पूरा करने को लेकर दृढ़ हैं।
गठबंधन सरकार में बदलाव के दावे निराधार
प्रधानमंत्री प्रचंड के प्रेस सलाहकार गोविंदा आचार्य ने दावा किया कि प्रचंड और ओली ने शनिवार के अलावा रविवार और सोमवार को भी प्रधानमंत्री कार्यालय में दो बैठकें कीं। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने ताजा राजनीतिक स्थिति और वर्तमान गठबंधन सरकार को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, मौजूदा गठबंधन सरकार में बदलाव और नये गठबंधन के गठन के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
पूर्व PM ओली बजट को लेकर खुलकर असंतोष प्रकट कर चुके हैं
नेपाल की राजनीति से जुड़ी खबरों के मुताबिक केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री पद पर नजर गड़ाए हैं। वे कथित तौर पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार की तरफ से हाल ही में पेश बजट और विभागों को आवंटन से नाखुश हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपना असंतोष प्रकट किया था।