अमर उजाला डिजिटल के साहित्यिक उपक्रम ‘काव्य’ ने अपनी यात्रा के सात साल पूरे कर लिए हैं। इस सफर के दौरान 'काव्य' को लगातार पाठकों का प्रेम मिला। कविता और साहित्य को पसंद करने वाले तो साथ जुड़े ही, लिखने वालों ने भी अपना साथ बनाए रखा।
2 जुलाई 2017 को आगरा में हुए काव्य-महाकुंभ के साथ यह यात्रा शुरू हुई। गोपाल दास नीरज, हरि ओम पवार, संतोष आनंद, राहत इंदौरी जैसे 30 दिग्गज कवि और शायर इस मौके पर मौजूद थे। सूर सदन में हुए एक भव्य उत्सव में देश के बड़े कवियों और शायरों की गरिमामय मौजूदगी में इस साइट को लॉन्च किया गया। उर्दू और हिंदी के अलावा विश्व की कई भाषाओं के कवियों व लेखकों की हिंदी में अनूदित रचनाओं को भी इसमें जगह दी गयी है।
लगभग चार लाख से अधिक कवियों की रचनाओं को ‘मेरे अल्फाज’ श्रेणी के अंतर्गत प्रकाशित किया जा चुका है। तमाम कोनों में से ‘मेरे अल्फाज’ एक ऐसा कोना है जो विशेष तौर पर नए व उभरते कवियों व पाठकों के लिए हैं, जहां वे अपनी कविताएं प्रकाशित करते हैं और लाखों की संख्या में लोग उन्हें पढ़ते और प्रतिक्रिया देते हैं।
साथ ही इस यात्रा में कई मील के पत्थर भी थे, जिनमें से एक ‘काव्य-कैफे’है। 5 जनवरी 2019 को यह शुरू 'काव्य कैफ़े' के सफ़र में मंच के कई बड़े नामों से लेकर अच्छा लिखने-पढ़ने वाले तमाम युवा साथ जुड़े। यह एक ऐसी शुरुआत थी, जिसने युवा कवियों को प्रेरित दिया। अमर उजाला के नोएडा ऑफिस से सिलसिला शुरू हुआ, जहां कवि आमंत्रित किए गए और काव्य-पाठ किया। फिर ये श्रृंखला आईआईटी, बिट्स पिलानी, गलगोटिया के साथ बुंदेलखंड साहित्योत्सव तक भी पहुंची। कार्यक्रम के सभी वीडियो अमर उजाला काव्य के यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। 'काव्य कैफे' को भी अपार स्नेह मिला। अब तक लगभग दो सौ से अधिक कवि इसका हिस्सा बन चुके हैं। जिनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं।
'पुस्तक समीक्षा' कॉलम में किताबों पर टिप्पणी या आलोचना प्रकाशित होते हैं। 'हलचल' जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि साहित्य जगत की जानकारी अपडेट की जाती है। 'सोशल मीडिया' सेक्शन में वे कविताएं रहती हैं जिन्हें सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ख़ूब पसंद किया जाता है।
वेबसाइट पर पाठक साहित्य से जुड़ी खबरों के साथ, कवियों के जीवन व विचार, लेखकों का परिचय और किस्से भी जान सकते हैं। ‘आज का शब्द’ में प्रतिदिन हिन्दी के एक शब्द से परिचय करवाने के साथ ही उससे संबंधित कविता भी पोस्ट की जाती है। इसके इतर सभी विषयों के लिए अलग-अलग श्रेणियां हैं - जिनमें विश्व-काव्य, हास्य, उर्दू अदब, कविता, आज का विचार आदि सम्मिलित हैं। सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले कवियों को विशेष स्थान दिया जाता है। ये वे कवि हैं जो लगभग रोज ही अपनी कविताएं भेजते हैं। टीम को चार सौ अधिक कविताएं मिलती है, जिन्हें संपादित करने के बाद प्रकाशित किया जाता है।
अगर आप भी अमर उजाला काव्य से जुड़ना चाहते हैं तो इस क्यू आर कोड को स्कैन करें।