पीएम मोदी के दौरे को लेकर रूस उत्साहित
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22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 से 9 जुलाई तक मॉस्को की यात्रा पर रहेंगे। फरवरी 2022 में मास्को की तरफ से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा होगी। वहीं पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर क्रेमलिन की तरफ से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को में बहुत महत्वपूर्ण और पूर्ण यात्रा की उम्मीद है। इस दौरान क्रेमलिन ने कहा कि पश्चिम (देश) इस यात्रा को ईर्ष्या से देख रहे हैं।
‘क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा’
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को नई दिल्ली में सोमवार से शुरू होने वाली उच्च-स्तरीय यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे और आपसी हित के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
यह एक आधिकारिक यात्रा होगी- पेस्कोव
रूस के सरकारी वीजीटीआरके टेलीविजन चैनल को शनिवार को दिए गए साक्षात्कार में क्रेमलिन प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मॉस्को में कार्यक्रम व्यापक होगा और दोनों नेता अनौपचारिक बातचीत कर सकेंगे। उन्होंने कहा, जाहिर है, एजेंडा व्यापक होगा, अगर इसे अति व्यस्त नहीं भी कहा जाए। यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों प्रमुख अनौपचारिक तरीके से भी बातचीत कर सकेंगे।
‘पश्चिम इस यात्रा पर ईर्ष्या से नजर रख रहे हैं’
दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूसी-भारतीय संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि क्रेमलिन में आमने-सामने की बातचीत और प्रतिनिधिमंडलों की बातचीत दोनों होंगी। आधिकारिक समाचार एजेंसी तास ने उनके हवाले से कहा, हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं, जो रूसी-भारतीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान पेस्कोव ने इस बात पर भी जोर दिया कि पश्चिम (देश) प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रूस यात्रा पर करीब से और ईर्ष्या से नजर रख रहा है। वे ईर्ष्यालु हैं – इसका मतलब है कि वे इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उनकी करीबी निगरानी का मतलब है कि वे इसे बहुत महत्व देते हैं।
लगभग पांच सालों में प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा होगी। उनकी आखिरी रूस यात्रा साल 2019 में हुई थी जब उन्होंने सुदूर पूर्व के शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में हिस्सा लिया था।