डॉक्टर की हड़ताल के बाद इमरजेंसी में खाली पडी डॉक्टर की कुर्सी
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एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में मरीज को जल्द देखने की बात पर तीमारदार और जूनियर डॉक्टर में मारपीट हो गई। इसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। इसी बीच उपचार न मिलने पर एक मरीज की मौत हो गई। घटना 6 जुलाई रात 2:30 बजे की है। कार्रवाई के आश्वासन पर 7 जुलाई सुबह छह बजे हड़ताल खत्म हो गई।
मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में 6 जुलाई रात 2:30 बजे एक मरीज को लेकर तीमारदार पहुंचे। तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टर से फौरन मरीज को देखने के लिए कहा। इसी बात उनमें नोकझोंक हो गई। फिर तीमारदार और जूनियर डॉक्टर में मारपीट हो गई। इससे नाराज साथी जूनियर डॉक्टरों ने अन्य मरीजों को देखना बंद कर दिया और अपनी सेवा ठप कर दी।
इमरजेंसी में भर्ती मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। वहां मौजूद लोगों के अनुसार इसी बीच उपचार न मिलने पर एक मरीज की मौत हो गई। रोते-बिलखते परिजन शव को अपने साथ ले गए। हड़ताल और बारिश के बीच दूरदराज से आने वाले मरीज बिना इलाज के लौट गए। तीमारदार अपने मरीज को भर्ती कराने के लिए गिड़गिड़ाते भी रहे। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर रविवार सुबह छह बजे से सेवा देनी शुरू कर दी।
हड़ताल की वजह से मुझे और मरीज को काफी परेशानी हुई। हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।-मोहम्मद जसीम, इटावा
हड़ताल की जानकारी मेडिकल कॉलेज आकर हुई। अपने मरीज को अब निजी अस्पताल ले जाना पड़ेगा।-बॉबी, सराय मानसिंह
मुझे सांस की बीमारी है। जेएन मेडिकल कॉलेज में हड़ताल हो गई है। मुझे काफी दिक्कत हो रही है।-गुलाब, नगला कालू हाथरस
ट्रैक्टर से मेरे रिश्तेदार को चोट लग गई। हड़ताल के चलते मरीज को दूसरी जगह ले जाना पड़ेगा।-देव सिंह, कासगंज
तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टरों से अभद्रता की थी। हड़ताल नहीं हुई थी। अलबत्ता, जूनियर डॉक्टर नाराज हैं। जूनियर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इलाज के अभाव में किसी की मौत नहीं हुई है।-प्रो. वसीम रिजवी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, जेएन मेडिकल कॉलेज